Home पशुपालन Goat farming: बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं तो यहां पढ़ें बकरियों की टॉप-20 नस्ल की जानकारी
पशुपालन

Goat farming: बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं तो यहां पढ़ें बकरियों की टॉप-20 नस्ल की जानकारी

goat farming for milk
बरबरी बकरी की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. वो दिन बीत चुके हैं जब बकरियों को गरीबों की गाय कहा जाता था, अब बकरियों से मीट के अलावा दूध के लिए भी पाला जाता है. इसका दूध पशु पालकों के लिए मुनाफे का सौदा भी साबित हो रहा है. ये कहा जा सकता है कि कुछ वक्त से बकरी के दूध की डिमांड ने बकरी पालन को बहुत ही खास बना दिया है. यही वजह है कि मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर कई युवा बकरी पालन की ओर आकर्षित हुए हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें तो देश में 37 नस्ल की बकरियां हैं, लेकिन दूध-मीट की डिमांड और वातावरण के हिसाब से पालने के लिए उनकी नस्ल का पशु पालक करते हैं.

भारत में पाई जाने वाली ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरे के मीट के शौकीन बहुत हैं. न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी इसकी खासी डिमांड है. जब कतर में फीफा फुटबाल वर्ल्ड कप हुआ तो ब्लैक बंगाल बकरे के मीट को मेहमानों के आगे खूब परोसा गया था. हालांकि ब्लैक बंगाल ही नहीं बल्कि बरबरे और बीटल बकरों के मीट की भी डिमांड कम नहीं रहती है. यहां ये भी जान लें कि सबसे ज्यादा एक दिन में 5 से 6 लीटर दूध देने वाली नस्ल बीटल ही है.

देश में बकरियों की नस्ल और उनकी संख्या पर गौर करें तो ब्लैक बंगाल की संख्या 3 करोड़ है. जबकि मारवाड़ी-50 लाख, बरबरी-47 लाख, उस्मानाबादी-36 लाख, जमनापरी-25.50 लाख, सिरोही-19.50 लाख, कन्नीआड़ू-14.40 लाख, बीटल-12 लाख, मालाबारी-11 लाख,
गद्दी- 7.38 लाख, जखराना 6.5 लाख, कच्छी- 5.84 लाख, सेलम ब्लैक- 4.92 लाख, मेहसाणा 4.25 लाख, झालावाणी-4 लाख, कोड़ी आड़ू- 4 लाख, गोहिलवाणी- 2.90 लाख, सुरती- 2.31 लाख, गंजम- 2.11 लाख, चांगथांगी- 2 लाख, संगानेरी- 1.63 लाख है.

कुछ तथ्य यहां पढ़ें

भारत में बकरियों की कुल 37 नस्ल रजिस्टर्ड हैं. जबकि मीट के साथ अब दूध के लिए भी बकरी पालन देश में बढ़ रहा है. वहीं गद्दी, चांगथांगी और चेगू नस्ल के बकरे पश्मीबना के लिए पाले जा रहे हैं. बता दें कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बकरों से बोझा भी ढोया जाता है. महात्मा गांधी गोहिलवाणी नस्ल की बकरी पालते थे. साल 2020-21 में दूध देने वाली बकरियों की संख्या 3.63 करोड़ थी. वहीं साल 2020-21 ।में बकरियों ने 62.61 मीट्रिक टन दूध दिया था. अब देश के कुल मीट उत्पादन में बकरियों के मीट की हिस्सेदारी 14 फीसद है. साल 2020-21 में बकरे के मीट का कुल 12 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

PREGNANT COW,PASHUPALAN, ANIMAL HUSBANDRY
पशुपालन

Cow Husbandry: गाय के बच्चे की तेजी से बढ़वार के लिए क्या खिलाना चाहिए, जानें यहां

क्योंकि मां के दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो...

gir cow
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की गर्भ को लेकर होने वाली इस समस्या का क्या है इलाज, पढ़ें यहां

एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि पशुपालक भाई इन कुछ बातों को ध्यान...

livestock
पशुपालन

Animal Husbandry: बच्चा पैदा होने के बाद जेर न गिरने से पशुओं को होती हैं क्या-क्या परेशानियां, पढ़ें यहां

यदि जेर निकालने के लिए मजदूर, किसान या ग्वाले जैसे अनजान व्यक्ति...

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: भैंस के बच्चे को क्या-क्या खिलाएं कि तेजी से हो ग्रोथ

भैंस के बच्चे को तीन माह तक रोजाना उसकी मां का दूध...