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Dairy: मात्र 3 रुपये खर्च करके बढ़ाएं पशुओं का दूध उत्पादन, यहां पढ़ें डिटेल

gir cow
गिर गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. क्या आपने कभी ईंट जैसे दिखने वाले पशु चारे के बारे में सुना है या देखा है. दरअसल, ईंट जैसा दिखने वाला चारा पशुओं के लिए पोषण का खजाना माना जाता है. इससे पशुओं से दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है और उनके प्रजनन क्षमता में भी सुधार होता है. दूध बढ़ाने के इंजेक्शन लगाने जैसे तरीकों के मुकाबले ये बेहतरीन और सुरक्षित तरीका है. इससे पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ जाएगा और जिसका फायदा सीधे तौर पर पशु पालकों को होगा.

इंजेक्शन लगाकर बढ़ाते हैं दूध उत्पादन
बता दें कि भारत मैं उत्पादित होने वाले दूध और डेयरी उत्पादों की दुनिया भर में डिमांड है. यह व्यवसाय दूध, दही और मक्खन तक ही अब सीमित नहीं है. बल्कि अब पनीर, मेयोनेज टोफू की मांग भी बढ़ रही है. इसको देखते हुए पशुओं से अच्छी मात्रा में दूध उत्पादन की जरूरत होती है. कुछ डेयरी व्यवसायी पशुओं की संख्या बढ़कर कुछ पशुओं को इंजेक्शन देकर दूध की मांग को पूरा करते हैं, जो कि असुरक्षित है. इससे पशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. उनकी सेहत कमजोर हो जाती है. ऐसे में ईंट जैसा दिखने वाला चारा दुधारू पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.

इस तरह बनाए ये चारा
यह ईंट उन पशुओं के लिए बहुत उपयोगी है, जो केवल गेहूं, भूसे या जौ के भूसे पर निर्भर रहते हैं. यह ईंट खनिज मिश्रण, साधारण नमक और गुड़ आदि को मिलाकर बनाया जाता है. यह पशुओं को प्रमुख और लघु खनिज लवण प्रदान करने के अलावा नाइट्रोजन और ऊर्जा भी देते हैं. इस ईंट को पशुओं के थन के स्थान पर रखा जाता है और जानवर अपनी इच्छा के मुताबिक इसे चाटते हैं. इसकी खपत प्रतिदिन 400 ग्राम तक होती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि साधारण सूखे चारे पर निर्भर दुधारू पशुओं में ईटों के प्रयोग से प्रतिदिन 250 से 300 ग्राम दूध का उत्पादन बढ़ जाता है. जिस का खर्च मात्र 3 रुपये से अधिक का नहीं आता है.

इस तरह बनाए पाउडर
बहुत से पशुपालक पशुओं की अच्छी सेहत के लिए जड़ी बूटियां का सेवन भी कराते हैं. बाजार में कई कंपनियों की प्राकृतिक औषधियां पाउडर मौजूद हैं. इन पाउडर को पानी मिलाकर दिया जाता है. इससे पशुओं के दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. गांव के ज्यादातर किसान और पशुपालक इस पाउडर की विधि जानते हैं. इसे बनाने के लिए 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 100 ग्राम गुड़ का घोल, 50 ग्राम मेथी, एक कच्चा नारियल, 25 ग्राम जीरा और अजवाइन की जरूरत होती है और 2 महीने तक इस खिलाया जाता है.

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