Home मछली पालन Fisheries: मछली-झींगा उत्पादन में भारत ने बनाया रिकॉर्ड, सीफूड एक्सपोर्ट में भी आया उछाल
मछली पालन

Fisheries: मछली-झींगा उत्पादन में भारत ने बनाया रिकॉर्ड, सीफूड एक्सपोर्ट में भी आया उछाल

Fisheries, Fish Rate, Government of India, Live Stock Animal News, Boat
मछली पकड़ते मछुआरे (फोटो CMFRI)

नई दिल्ली. फिशरीज सेक्टर की शुरुआत भारत में आजादी के समय एक पारंपरिक गतिविधि के रूप में हुई थी. पिछले 75 वर्षों में यह क्षेत्र अपने पारंपरिक और छोटे पैमाने के रूप को बनाए रखते हुए धीरे-धीरे एक कमर्शियल इंटरप्राइज में बदल गया है. देश में मछली उत्पादन 1950-51 में 7.52 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 175.45 लाख टन हो गया है. जो एक रिकॉर्ड है. भारत में मछली उत्पादन में 23 गुना से ज्यादा का की ग्रोथ दर्ज की गई है. पिछले 9 वर्षों के दौरान, भारत का वार्षिक मछली उत्पादन 95.79 लाख टन से बढ़कर 175.45 लाख टन के रिकॉर्ड प्रोडक्शन तक पहुंच गया है और ये 79.66 लाख टन की ग्रोथ के साथ 83 फीसदी तक बढ़ गया है.

आईलैंड और एक्वाकल्चर मछली प्रोडक्शन वित्त वर्ष 1950-51 में मात्र 2.18 लाख टन था. जो बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 131.33 लाख टन हो गया है. आईलैंड फिशरीज और एक्वाकल्चर उत्पादन दोगुना हो गया है. यह वित्त वर्ष 2013-14 के अंत में 61.36 लाख टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में 131.33 लाख टन हो गया है. यानी 69.97 लाख टन की ग्रोथ हुई है. ये प्रोडक्शन आंकड़े एक्वाकल्चर किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास में एक शानदार उपलब्धि है. यह रोजगार, आय और उद्यमिता के सोर्स के रूप में मछली पालन और एक्वाकल्चर क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती रुचि को भी जाहिर कर रहा है.

समुद्री खाद्य निर्यात में दोगुना इजाफा
वित्त वर्ष 2013-14 से भारत का सी फूड निर्यात दोगुना से भी अधिक हो गया है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013-14 में समुद्री खाद्य निर्यात 30,213 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बढ़कर 60,523.89 करोड़ रुपये हो गया है. ग्लोबल मार्केट में महामारी के कारण आई चुनौतियों के बावजूद इसमें 100 फीसदी की ग्रोथ हुई है. आज, भारतीय समुद्री खाद्य 129 देशों को निर्यात किया जाता है, जिनमें सबसे बड़ा विदेशी बाजार अमेरिका है.

खारे पानी के एक्वाकल्चर प्रोडक्शन में भी ग्रोथ
खारे पानी की एक्वाकल्चर में झींगा पालन सबसे आगे है और ये हजारों छोटे एक्वाकल्चर किसानों द्वारा सरकारी परियोजनाओं की सहायता से तैयार की गई एक सफलता की कहानी है. पिछले 9 वर्षों में विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु राज्यों से झींगा पालन और निर्यात में वृद्धि हुई है. इसी तरह, झींगा निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 के अंत में 19,368 करोड़ रुपये से लगभग 107 फीसदी की ग्रोथ के साथ दोगुना से अधिक हो गया है और वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में 40,013.54 करोड़ रुपये हो गया है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

CMFRI, golden trevally, Central Marine Fisheries Research Institute, Gnathanodon speciosus
मछली पालन

Fish Farming: एक्वेरियम में क्यों होती है फिल्टर की जरूरत, क्या होता है इसका काम, जानें यहां

एक्वेरिया हुड एक्वेरियम को रखने के लिए उसका सबसे ऊपरी कवर होता...

मछली पालन

Fisheries: मछली पालकों ने अपनी आंखों से देखा फिशरीज में क्या-क्या कर सकता है ड्रोन, मिली अहम जानकारी

फिश फार्मिंग में ड्रोन तकनीक में मछलियों की निगरानी, ​​फार्म प्रबंधन और...