Home पशुपालन खुरपका मुंहपका बीमारी की रोकथाम पर IVRI, बरेली ने किया बड़ा ऐलान, पढ़ें डिटेल
पशुपालन

खुरपका मुंहपका बीमारी की रोकथाम पर IVRI, बरेली ने किया बड़ा ऐलान, पढ़ें डिटेल

Indian Veterinary Research Institute, RAC, Foot-and-Mouth Disease,IVRI
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) की 25 वीं बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता डॉ के. एम. बुजरबरुआ, पूर्व कुलपति असम कृषि विश्वविद्यालय तथा पूर्व उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) ने की. बैठक में देश के विभिन्न पशु चिकित्सा विशेषज्ञ संस्थान के शोध का आंकलन करेंगे जिससे संस्थान के शोध को नई दिशा मिलेगी तथा नए सुझाव मिलेंगे. बैठक में उत्पादन बढ़ाने के लिए जर्म प्लाज्म में सुधार करने, कृत्रिम गर्भाधान की उन्नत तकनीकों को अपनाने और खुरपका मुंहपका बीमारी पर शोध करने पर बल दिया, जिससे इसे जल्द नियंत्रण में किया जा सके.

बैठक में बताया कि IVRI, बरेली ने पिछले वर्ष चार पीपीआर गोट पोक्स कम्बाईंड वैक्सीन, एफएमडी मार्कर वैक्सीन, पीपीआर मार्कर वैक्सीन तथा डक प्लेग वैक्सीन को विकसित की है. चार बीमारियों के नैदानिक भी बनाए गए. उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न क्षेत्रीय स्टेशनों, परिसरों और उसके बाद विभागों की उपलब्धियों की प्रस्तुति दी गई. आरएसी सदस्यों ने आईवीआरआई की विभिन्न इकाइयों में किए जा रहे शोध पर अपनी विचार प्रस्तुत कर इनपुट दिए. बैठक के उद्घाटन भाषण के दौरान, डॉ बुजरबरुआ ने आईवीआरआई के निदेशक और वैज्ञानिकों को संस्थान द्वारा किए गए अनुसंधान, शिक्षण और विस्तार कार्य के लिए बधाई दी. आरएसी सदस्यों ने अध्यक्ष के विचारों का समर्थन किया और आईवीआरआई के बौद्धिक संपदा अधिकार पोर्टफोलियो और प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में हुई प्रगति की भी सराहना की.

एजुकेशन हब विकसित करने की योजना
निदेशक, आईवीआरआई ने डॉक्टर त्रिवेणी दत्तने 2023-24 की अवधि के दौरान संस्थान की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया. डॉक्टर दत्त ने कहा इस संस्थान का 134 वर्षों का गौरवमयी इतिहास रहा है तथा संस्थान पशु रोग निदान, अनुसंधान तथा शिक्षण में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. डा. दत्त ने कहा कि संस्थान भविष्य में केन्द्रीय भैंस अनुसधांन संस्थान तथा राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान के सहयोग से हिसार में एजुकेशन हब विकसित करने जा रहा है. इसके अतिरिक्त आईवीआरआई डीम्ड यूनिवर्सिटी को मेगा या वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी विश्वविद्यालय में बदलने के लिए योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है.

2023-24 में 10 एमओयू भी किए गए
डा. त्रिवेणी दत्त ने आगे बताया कि संस्थान ने विभिन्न औघोगिक घरानों के साथ इंटरफेस मीट कर अनुबन्ध किए जा रहे हैं, जिससे हमारे छात्रों को इन उद्योगों के साथ काम करने का मौका मिले. उन्होंने कृषक समुदाय की सेवा में संस्थान द्वारा की गई विभिन्न नई पहलों के बारे में सदन को जानकारी दी. उन्होंने हितधारकों को प्रौद्योगिकियों के प्रसार के लिए संस्थान द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में भी बताया.डॉ. एस.के. सिंह, संयुक्त निदेशक (शोध) ने संस्थान कि शोध गतिविधियों कि जानकारी देते हुए कहा कि संस्थान ने पिछले वर्ष चार पीपीआर गोट पोक्स कम्बाईंड वैक्सीन, एफएमडी मार्कर वैक्सीन, पीपीआर मार्कर वैक्सीन तथा डक प्लेग वैक्सीन को विकसित किया है. चार बीमारियों के नैदानिक भी बनाए गए. डॉक्टर सिंह ने कहा कि तकनीकयों के वाणिज्यकरण से 195 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा वर्ष 2023-24 में 10 एमओयू भी किए गए.

कृत्रिम गर्भाधान की उन्नत तकनीकों को अपनाने पर जोर
उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न क्षेत्रीय स्टेशनों, परिसरों और उसके बाद विभागों की उपलब्धियों की प्रस्तुति दी गई. आरएसी सदस्यों ने आईवीआरआई की विभिन्न इकाइयों में किए जा रहे शोध पर अपनी विचार प्रस्तुत कर इनपुट दिए. सदस्यों ने उत्पादन बढ़ाने के लिए जर्म प्लाज्म में सुधार करने, कृत्रिम गर्भाधान की उन्नत तकनीकों को अपनाने तथा खुरपका मुंहपका बीमारी पर शोध करने पर बल दिया, जिससे इसे अतिशीघ्र नियंत्रण में किया जा सके. इसके अतिरिक्त पशुओं और कुक्कुट कि बीमारियों पर जायदा ध्यान केन्द्रित करने तथा पशुओं की थनैला बीमारी के पूर्व पहचान करने तथा इस पर और शोध करने की आवश्यकता पर बल दिया.

1061 युवाओं को दिया जा चुका है प्रशिक्षण
उन्होने कहा कि वर्ष 2023-24 में कुल 368 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है तथा बीवीएससी एण्ड एएच की सीटो को बढ़ाया है इसके अतिरिक्त मानव संसाधन विकास/कौशल निर्माण के तहत 1061 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न वोकेशनल कोर्स/सार्टिफिकेट तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया है.संस्थान में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास रूम बनाये गये हैं.

बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ अशोक कुमार, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति, डॉ एम. एस. चौहान, गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के डॉ जे. पी. एस. गिल तथा, प्रकाश फूड्स, चेन्नई के अध्यक्ष डॉ डी.वी. आर. प्रकाश राव ने भाग लिया.पीएमई प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. जी साई कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ बैठक समाप्त की घोषणा की. उन्होंने इस बैठक के आयोजन में शामिल आरएसी सदस्यों, संयुक्त निदेशकों, विभिन्न परिसरों, विभागाध्यक्षों, अनुभागों के प्रभारियों और संयुक्त अनुसंधान निदेशालय की पूरी टीम को धन्यवाद दिया.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news, Animals in rain, Disease in animals, Animal husbandry, Animal enclosure, Animal news, CRRG, Flood, Flood news, Green fodder, Taj Trapezium Zone, TTZ, National Green Tribunal, NGT, Taj Mahal, Supreme Court
पशुपालन

Animal Husbandry: जानवरों को है इस खतरनाक बीमारी का खतरा, यूपी के 25 जिले हाई रिस्क जोन में

इसलिए जानवरों को बीमारियों से बचाना बेहद ही जरूरी होता है. आइए...

गर्मी पशु की इम्युनिटी को प्रभावित करती हैं. बकरियों को भी सर्दी और जुकाम होने लगता है, जैसे इंसान को होता है. इनको भी दस्त लग सकते हैं. यदि आपने वैक्सीन नहीं लगवाई है तो तुरंत ही वैक्सीन जानवरों को दें.
पशुपालन

Goat Farming: मार्च के महीने में कैसे करें बकरियों की देखभाल, यहां जानिए एक्सपर्ट के टिप्स

गर्मी पशु की इम्युनिटी को प्रभावित करती हैं. बकरियों को भी सर्दी...