नई दिल्ली. जब कभी भी चूजे हैचरी से पोल्ट्री फार्म में आते हैं तो इसके साथ ही 3 से 6 हफ्ते तक उनके बीमार होने का खतरा बना रहता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि चूजों को गम्बोरो बीमारी हो जाती है. जिसके चलते उन्हें बचा पाना मुश्किल हो जाता है. अभी तक उन्हें बचाने के लिए जो वैक्सीन लगाई जाती वो तीन हफ्ते से पहले लगाना संभव नहीं होता है लेकिन अब आईवीआरआई बरेली में एक ऐसी वैक्सीन तैयार कर ली है जो एक दिन चूजों को भी लगाई जा सकती है. इससे चूजों को गम्बोरो बीमारी से और पोल्ट्री संचालक को नुकसान से बचाया जा सकता है. जल्द ही बाजार में वैक्सीन उपलब्ध होगी.
बता दें कि किसी भी पोल्ट्री फार्म में अंडे के लिए पाल जाने वाले चीजों की संख्या 5000 से कम नहीं होती है. अगर चिकन वाले बॉयलर चूजे की बात करें तो इसकी संख्या कम से कम 10 से 20 हजार होती है. चूजे जब हैचरी ते हैं तो इम्यूनिटी कमजोर हो जाने के चलते पोल्ट्री फार्मर इनका पालन नहीं करते हैं. इसके चलते पोल्ट्री फार्मर को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है. पोल्ट्री फार्म में ये बीमारी अगर किसी एक चूजे को लग जाए तो उसके बाद वह सभी दूसरे चूजों में फैल जाती है. इसके चलते इसे रोक पाना मुश्किल हो जाता है. एक बार बीमारी फैलने के बाद वैक्सीन भी कम नहीं करती है.
वैक्सीन बिल्कुल सेफ है
वैक्सीन की रिसर्च पर काम करने वाली और आईवीआरआई की साइंटिस्ट रोहिणी डे कहती हैं कि हमारी वैक्सीन एक दिन के चूजे को भी दी जा सकती है. इस वैक्सीन के लगने के बाद चूजा बीमार नहीं होगा. यह वैक्सीन कई मायनों में खास है. ऐसा नहीं कि अभी तक गम्बोरो बीमारी में दी जाने वाली कोई वैक्सीन नहीं थी लेकिन एक दिन के चूजे को लगा पाना संभव नहीं था. क्योंकि इससे दूसरी तरह की परेशानियां खड़ी हो जाती थीं. इस वैक्सीन को एक दिन के चूजे को भी लगाया जा सकता है. उन्होंने दावा किया कि भारत में ये अपने तह की पहली वैक्सीन है. वैक्सीन को तैयार करने में साइंटिस्ट डॉ. सी मदनमोहन और डॉ आर सरवनन भी शामिल रहे हैं.
जल्द ही बाजार में मिलेगी वैक्सीन
आईवीआरआई की डायरेक्टर त्रिवेणी दत्त ने बताया कि वैक्सीन के बाजार में जल्दी उपलब्ध होने की उम्मीद है. वैक्सीन का फार्मूला कमर्शियल तौर देश की सबसे बड़ी कंपनी हेस्टर को 35 लख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया है. जल्दी ही कंपनी की एक टीम हमारे संस्थान में आएगी. यहां आने वाली टीम को 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद कंपनी ट्रक लाइसेंस की प्रक्रिया वगैरा करने के बाद उत्पादन शुरू कर देगी.
इम्यूनिटी खत्म हो जाती है
रोहिणी डे ने आगे बताया कि गम्बोरो बीमारी होने से चूजों की इम्यूनिटी खत्म हो जाती है. गम्बोरो बीमारी चूजे के बर्सा अंग पर हमला करती है. जहां से इम्यूनिटी बनती है. जिसके चलती उन्हें जल्दी-जल्दी दूसरी बीमारियां भी चपेट में ले लेती हैं. इसके चलते देखते ही देखते बीमारी दूसरे चूजों में फैल जाती है. अगर के लक्षणों की बात की जाए तो चूजे को पतले दस्त होने लगते हैं. इसका विकास रुक जाता है.
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