नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में नेट और पीएचडी कर चुके युवाओं की तादाद बढ़ती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बहुत से युवाओं की उम्र असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए निर्धारित अधिकतम उम्र के पास पहुंच चुकी है. जिससे उनके पास मौका बहुत ही कम बचा है. जबकि एक तरफ हाल ये है कि राज्य के महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के दो हजार से अधिक पद खाली हैं, लेकिन 2019 के बाद से भर्ती नहीं निकली है. इसके चलते बहुत से युवा अब भी भर्ती निकलने की तलाश में हैं ताकि वर्षों तक की गई मेहनत का फल उन्हें मिल सके.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भर्ती न निकलने से युवा बेरोजगार हैं. वो कोई दूसरा काम भी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका चल सके.
क्या है पूरा मामला, जानें यहां
जानकारी के लिए बता दें कि राज्य में 335 सरकारी कॉलेज हैं. पिछले कुछ वर्षों में इनकी संख्या बढ़ी है, लेकिन इसकी तुलना में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती नहीं हुई है.
इन महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 5335 पद हैं. इसमें से 3033 भरे और 2302 खाली हैं.
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए उच्च शिक्षा विभाग से पिछले साल वित्त विभाग को प्रस्ताव गया था. इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में है.
वहीं दूसरी ओर कॉलेजों में छात्रों को पढ़ाने के लिए अतिथि व्याख्याताओं की सेवाएं ली जा रही हैं.
इनकी भर्ती के लिए पिछले साल नया नियम बना गया था. मानदेय भी बढ़ाया गया. ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियमित भर्ती कब तक आएगी इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है.
इस बीच असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती को लेकर नेट/सेट/ पीएचडी सहायक प्राध्यापक प्रतियोगी संघर्ष संघ के पदाधिकारियों ने मीडिया से भी उनकी परेशानी उठाने की मांग की.
संगठन के लोगों का कहना है कि के दो हजार से अधिक पद रिक्त हैं. इसकी वजह से कॉलेजों में पढ़ाई और शोध कार्य पर असर पड़ा है.
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