Home डेयरी Dairy Farming : साइलेज अधिक खिलाने का क्या है नुकसान, कैसे करें हरे चारे की कमी को पूरा, जानिए डिटेल
डेयरी

Dairy Farming : साइलेज अधिक खिलाने का क्या है नुकसान, कैसे करें हरे चारे की कमी को पूरा, जानिए डिटेल

सीता नगर के पास 515 एकड़ जमीन में यह बड़ी गौशाला बनाई जा रही है. यहां बीस हजार गायों को रखने की व्यवस्था होगी. निराश्रित गोवंश की समस्या सभी जिलों में है इसको दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. डेयरी उद्योग से जुड़े पशुपालक इस बात को जानते हैं कि पशुओं के लिए हरा चारा बहुत ही जरूरी होता है, लेकिन देश के हर हिस्से में पूरे साल हरा चारा मौजूद नहीं होता. खासतौर पर गर्मियों में हरे चारे की काफी ज्यादा कमी हो जाती है. इस वजह से कई बार पशुपालक पशुओं को केवल भूसा देने लगते हैं. या फिर साइलेज देते हैं. साइलेज पशुओं को स्वाद भी लगता है और इसके फायदे भी उन्हें होते हैं, लेकिन बावजूद इसके कई बार साइलेज की वजह से पशु की दूध उत्पादन क्षमता और फैट कम हो जाता है.

एनीमल एक्सपर्ट कहते हैं कि साइलेज पशुओं के लिए वह आहार है, जो हरे चारे का एक बेहतरीन विकल्प है लेकिन यही विकल्प अक्सर पशुओं की उत्पादकता और दूध की गुणवत्ता का दुश्मन बन जाता है. ऐसा कई कारणों की वजह से होता है. जैसे साइलेज का सही न होना, साइलेज की अधिक मात्रा और साइलेज के साथ अन्य चीजों का मैनेज ना करना.

साइलेज में होते हैं तमाम पोषक तत्वः आपको बता दें कि पूरे साल पशुओं का हरा चारा मिला पाना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में पशुओं को सभी पोषक तत्व मुहैया कराने के लिए साइलेज का सहारा लिया जाता है. साइलेज बाजार से भी खरीदा जा सकता है और इसे खुद भी तैयार किया जा सकता है. आपको बता दें कि साइलेज ऐसा आहार है, जिसमें हरे चारे के सभी पोषक तत्व एवं गुण मौजूद होते हैं. इसका इस्तेमाल इसलिए भी किया जाता है कि पशु को सभी गुण पोषक तत्व मिल जाएं जो उसे हरे चारे से मिलते हैं. इसके साथ ही साइलेज का स्वाद भी पशुओं को काफी ज्यादा पसंद आता है.

गिर जाता है पीएच स्तरः अब सवाल उठता है कि आखिरकार यह नुकसानदेह कब हो जाता है, तो आपको बता दें कि जब साइलेज बनाया जाता है तो इसमें घुलनशील कार्बोहाइड्रेट के अंदर किनुअन होता है. जिससे लैक्टिक एसिड पैदा होता है. इससे पशु के रूमन का पीएच स्तर गिरने लगता है. वहीं जब साइलेज के साथ अनाज पदार्थ देते हैं तो स्तर और भी ज्यादा गिर जाता है. यही वजह है कि पशुओं के दूध की गुणवत्ता और प्रोडक्शन कम हो जाता है. जिसका नुकसान पशुपालकों को होता है. क्योंकि उत्पादन और गुणवत्ता खराब होना डेयरी उद्योग के लिए कतई सही नहीं माना जा सकता है.

मीठा सोडा साइलेज में मिलाकर देंः अगर पशु को इस परेशानी बचाना है तो साइलेज के साथ 50 ग्राम मीठा सोडा पशुओं को डालकर खिलाएं. इससे पीएच स्तर कम नहीं होगा और पशु को किसी समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर पशुपालक भाई रोजाना पशु को 50 ग्राम मीठा सोडा नहीं दे सकते हैं तो उन्हें एक दिन छोड़कर भी मीठा सोडा दे सकते हैं. अगर नियमित रूप से पशुओं का साइलेज के साथ मीठा सोडा दिया जाए तो वो पूरी तरह से स्वस्थ रहेंगे और उत्पादन क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जबकि इससे उत्पादन बढ़ ही जाएगा.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

हे बनाने के लिए हरे चारे को अच्छी प्रकार और समान रूप से सुखाना बहुत जरूरी होता है.
डेयरी

Green Fodder: जानें हे बनाने की सही विधि, दुधारू पशुओं को मिलेगा भरपूर दूध

हे बनाने के लिए हरे चारे को अच्छी प्रकार और समान रूप...

अच्छा साइलेज बनाने के लिए यह जरूरी है, कि फसल का चुनाव अच्छी प्रकार से किया जाए.
डेयरी

Silage In Dairy: साइलेज बनाने के लिए चारा फसलों का चुनाव कैसे करें, जानिए

अच्छा साइलेज बनाने के लिए यह जरूरी है, कि फसल का चुनाव...

milk production in india
डेयरी

Milk Production: बच्चे के जन्म के बाद पशु का दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए ये जड़ी-बूटियां खिलाएं

उसका दूध उत्पादन भी बेहतर होता है और उसे तमाम जरूरी पोषक...