Home पोल्ट्री Bird Flu: क्या है बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा, पोल्ट्री में ऐसे करें पक्षियों का बचाव
पोल्ट्री

Bird Flu: क्या है बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा, पोल्ट्री में ऐसे करें पक्षियों का बचाव

पोल्ट्री फॉर्मर्स को मुर्गियों को लेकर ज्यादा अवेयर रहने की जरूरत होती है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. यूपी में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में मरी हुई बाघिन में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर चिड़ियाघर के साथ ही इटावा लायन सफारी को अगले सात दिनों के लिए बंद कर दिया है। पोल्ट्री में एक तरफ किसानों की अच्छी कमाई होती है, वहीं दूसरी तरफ मुर्गी या मुर्गे बहुत सेंसिटिव पक्षी होते हैं. इन्हें बीमारियों से बचना बहुत जरूरी होता है. आमतौर पर देखा गया है कि कभी-कभी ऐसी बीमारी आती है कि पूरा पोल्ट्री फार्म इसका शिकार हो जाता है.
किसी भी रोग से पहले उसकी पहचान करना जरूरी होता है. आप जरूरी एहतियाती कदम उठाकर अपने फार्म की मुर्गियों को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकते हैं. इससे आपके कारोबार को भी नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा. आइए इस बारे में जानते हैं कि पोल्ट्री फॉर्मर्स को क्या-क्या एहतियाती कदम उठाने चाहिए. पोल्ट्री फॉर्मर्स को मुर्गियों को लेकर ज्यादा अवेयर रहने की जरूरत होती है, क्योंकि इस बीमारी के फैलने से पोल्ट्री कारोबार को एक झटके में बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है.

क्या है बर्ड फ्लू जानिए: इन्फ्लूएंजा ए वायरस पक्षियों में बहुत तेजी से फैलता है. इसके संक्रमण से पक्षियों की 100 फीसदी तक की मृत्यु दर है. ये रोग मुर्गी या टर्की में होता है. बत्तख, वॉटरफॉल वाले प्रवासी पक्षियों में इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमण होने से ये रोग तेजी से फैलता है. इस रोग के वायरस पक्षी की लार, नाक आंख के स्राव व बीट में पाए जाते हैं. संक्रमित पक्षी के सीधे संपर्क से या संक्रमित बीट वाले के संपर्क में आए व्यक्ति के खाने, उपकरण आदि से भी ये रोग फैल जाता है. इंफेक्शन पर 3 से 5 दिन में लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

ऐसे पहचानें: अचानक से अधिक संख्या में पक्षियों की मृत्यु होना शुरू हो जाती है. पक्षी खाना व पीना बंद कर देते हैं. पक्षी को तेज जुकाम हो जाता है. उसके सिर में गर्दन में सूजन आ जाती है, कलंगी लटक जाती है. अंडा उत्पादन में कमी हो जाती है. बर्ड फ्लू का कोई उपचार नहीं है.

पोल्ट्री में करें ये बचाव: इस बीमारी का उपचार नहीं है, बचाव ही सबसे अच्छा उपचार है. पोल्ट्री फार्म में पक्षियों की रोग की जांच के लिए पशु चिकित्सक को सैंपल भेजें. जांच रिपोर्ट आने तक फॉर्म में किसी भी व्यक्ति या वाहन को एंट्री ना दें. अपने फार्म में मास्क, डिस्पोजल कपड़े, ग्लव्स पहन कर जाएं और बाहर निकलते ही उन्हें हटा दें. फार्म से बर्ड, अंडे किसी भी चीज को न बेचें. बीमारी की संभावना होने पर पक्षियों को क्वॉरेंटाइन करें.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

रोगी पक्षियों के पंख बिखरे-बिखरे व लटके रहते हैं और कॉम्ब पर पीलापन नजर आता है.
पोल्ट्री

Poultry Farming News: बारिश में मुर्गी पालन के दौरान आती है ये दिक्कतें, जानें परेशानियों का उपाय भी

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार के एक्सपर्ट की मानें तो...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry Farming: न तो मुर्गियों का बढ़ता है वजन न ही देती हैं ज्यादा अंडा, पढ़ें इस बीमारी के लक्षण

बता दें कि सीआरडी छूतदार श्वास से सम्बन्धित मुर्गियों की बीमारी है....