नई दिल्ली. राजस्थान के पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम ने पिछले दिनों टोंक रोड स्थित आरएलडीची सभागार में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. इस दौरान मंत्री ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों की प्रगति, मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के संचालन, एफएमडी टीकाकरण की प्रगति और पशु गणना आदि की जिलेवार समीक्षा की और बीसी के माध्यम से सीधे जिलों के अधिकारियों से जानकारी ली. मंत्री ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा में अब तक 20 लाख से अधिक पशुओं का पंजीकरण हो चुका है.
बैठक में बताया गया कि 80 हजार से अधिक पशुओं के लिए, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी हो चुके हैं. साथ ही 5 हजार से अधिक पशुओं की बीमा पॉलिसी भी जारी कर दी गई है. हालांकि मंत्री ने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए बीमा के काम में और गति लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 17 मई तक टीकाकरण की अवधि निर्धारित है और अभी तक मात्र 5 लाख पशुओं का ही इंद्रज पशुधन एप पर किया गया है जी कि बहुत ही असंतोषजनक है.अफसरों को माइक्रो लेवल प्लानिंग कर टीकाकरण के टारगेट को पूरा करने के निर्देश दिए.
मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की मॉनीटरिंग का दिया निर्देश
उन्होंने शेष रह गए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी जल्दी जारी करने के निर्देश देते हुए दो महीने के अंदर सभी पशुओं की बीमा पॉलिसी जारी करने के निर्देश दिए हैं. मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के प्रभावी संचालन पर चर्चा करते हुए कुमावत ने कहा कि मोबाइल वेटरिनरी यूनिट भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण योजना है. सरकार इस योजना पर काफी बजट खर्च कर रही है लेकिन अभी जो परिणाम मिलने चाहिए थे, वे नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने जिलों के संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिया कि मोबाइल वेटरिनरी यूनिट का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कर घर घर तक इसकी जानकारी पहुंचाएं और जिले के सभी गाड़ियों की मॉनिटरिंग जिम्मेदारी से करें.
पशु चिकित्सालयों के लिए भूमि की उपलब्धता पर जताई चिंता
वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा में नवस्वीकृत-क्रमोश्रत पशु चिकित्सा संस्थाओं के भठनों के लिए भूमि के पड़ों की उपलब्धता की प्रगति पर कुमावत ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 500 नवीन उप केंद्रों में से मात्र 34 के लिए पड़े प्राप्त हुए है जोकि बहुत खेदजनक स्थिति है. ज्यादातर जिलों की प्रगति जीरो है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि व्यक्तिगत रूप से कलक्टर और एसडीएम से मिलकर इस कार्य में तेजी लाएं और एक महीने में भूमि के पट्टे स्वीकृत कराए. कुमावत ने अरात्र गौशालाओं की कमियों को दूर कर उन्हें पात्र बनाने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसी गोशालाओं का मार्गदर्शन करें.
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