नई दिल्ली. भारत में बकरी के दूध का उत्पादन छोटे स्तर पर किया जाता है. यहां बकरियों को दूध की बजाय मीट उत्पादन के लिए ज्यादा पाला जाता है लेकिन पश्चिमी देशों में बकरी का ताजा दूध पैस्चुराइज्ड दूध के रूप में और दुकानों और सुपर मार्केट में पैकिंग में बेचा जाता है. एनिमल एक्सपर्ट डा. इब्ने अली कहते हैं कि एनआर रॉय और वडोदरा की 2006 में प्रिंट की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सही तरह से बकरियों को चारा खिलाया जाए और बकरियों से सफाई के साथ दूध उत्पादन किया जाए तो इसका स्वाद भी बेहतर रहता है और इसमें से गंध भी नहीं आती है. क्योंकि बहुत से लोग बकरियों का दूध इसमें आने वाली एक प्रकार की गंध की वजह से नहीं पीते हैं.
एक्सपर्ट ने बताया कि जबकि बकरी के दूध से खोआ मावा, पनीर, छाना, आइसक्रीम, मिल्क पाउडर, पैस्चुराइज्ड पेय जैसे कई पारंपरिक दूध उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं. अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में, बकरी का दूध बाल चिकित्सा में सूखे पाउडर के रूप में उपयोग के लिए बेचा जाता है. बकरी के दूध से बने बेबी फार्मूले हाई क्वालिटी के होते हैं. 2 फीसदी फैट और 10.5 फीसदी एसएनएफ का मानकीकरण (Standardization) करके बकरी के दूध से एक विशेष पेय, विटामिन ए और डी के साथ बनाया गया है. वहीं बकरी के दूध से अच्छी गुणवत्ता वाला दही तैयार किया जा सकता है और यह बहुत लोकप्रिय है और दूसरे देशों में बकरी के दूध का दही लोगों को काफी पसंद आता है.
बकरी के दूध से बन सकता है कई प्रोडकट
एनिमल एक्सपर्ट डॉ. इब्ने के मुताबिक बकरी के दूध में औसत दूध वसा (ग्लोब्यूल) का आकार कम होता है और इसलिए, वसा रखने पर नहीं बढ़ता है. जबकि क्रीम, मक्खन या घी बनाने के लिए वसा को अलग करना मुश्किल होता है. इसके अलावा, बकरी के दूध का घी चिकना होता है. इसलिए बकरी के दूध को 1:1 के अनुपात में भैंस के दूध में मिलाने से अच्छी गुणवत्ता वाला घी हासिल किया जा सकता है. बकरी के दूध से नरम और कम कठोर किस्म की चीज बनाई जा सकती है. कई यूरोपीय देशों में, इन चीजों को प्रीमियम पनीर के रूप में बेचा जाता है.
इन देशों में बकरी से के दूध से होता है पनीर का उत्पादन
बताते चलें कि ग्रीस और फ्रांस दुनिया के ऐसे देश हैं जो सबसे ज्यादा बकरी के दूध का इस्तेमाल पनीर उत्पादन के लिए करते हैं. भारत में, बकरी के दूध का उपयोग हार्ड पनीर बनाने के लिए किया जाता रहा है. वहीं बकरी के दूध में पाई जाने वाली कैलोरी, कोलेस्ट्रॉल और वसा इसके गोजातीय समकक्ष की तुलना में कम होता होती और इंसानों के पाचन तंत्र के लिए भी बकरी का दूध बेहतर होता है. इसे पचाने में दिक्कत नहीं होती है. यह कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन के, फास्फोरस, नियासिन और थियामिन में भी समृद्ध है.
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