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Meet: देश में क्यों बढ़ रही है मीट खाने वालों की संख्या, इन 5 प्वाइंट में समझें

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प्रतीकात्मक तस्वीरें

नई दिल्ली. एक तरफ तमाम संगठन शाकाहार को बढ़ावा देने का नारा दे रहें हैं और लोगों को इसके लिए जागरुक करते नजर आते हैं. वहीं सरकार नॉनवेज को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. सरकार के एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट की ओर से इसको लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं देश में लगातार मीट खाने वालों की संख्या, डिमांड और खपत बढ़ती जा रही है. जबकि इसका प्रोडक्शन भी साल दर साल बढ़ रहा है. लोगों में मीट खाने को लेकर ज्यादा दिलचस्पी दिखाई दे रही है. इसके कारण कई हैं लेकिन ये साफ हो गया है कि देश में ज्यादातर आबादी मीट को अपनी डाइट में शामिल करना चाहती है.

सवाल ये है कि देश में मीट की मांग तेजी से क्यों बढ़ रही है और इसको खाने वालों की संख्या में इतनी तेजी से क्यों इजाफा रहा है. जब इसका जवाब तलाशेंगे तो कई कारण सामने आएंगे. इसमें से पांच कारणों पर हम इस आर्टिकल में जिक्र कर रहे हैं कि क्यों भारतीयों में मीट को लेकर क्रेज बढ़ा है और वो इसका सेवन करने लगे हैं.

1-एक तो सबसे बड़ा पहलू ये है कि लोगों के अंदर प्रोटीन डिफिशिएंसी तेजी से बढ़ रही है. अब लोग ऐसे फूड को खाना पसंद कर रहें जिसमें प्रोटीन ज्यादा हो. मीट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. ये प्रोटीन का बड़ा सोर्स है. जबकि इसके सामने सब्जी और दाल आदि में प्रोटीन की मात्रा बहुत कम होती है. हर तरह के मीट चाहे वो चिकन ही क्यों न हो उसमें प्रोटीन होता है.

2-दूसरा कारण ये है कि जब से देश ने कोरोना जैसे हालात को झेला है तब से लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत ज्यादा अवेयर हो गए है. लोगों को इस बात की चिंता है कि कैसे अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करें. क्योंकि कोरोना में ज्यादातर उन्हीं लोगों की मौत हुई, जिनकी इम्यूनिटी पॉवर कमजोर थी. न्यूट्रीशन एक्सपर्ट का मानना है कि मीट में ऐसे कई गुण हैं जो इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकता है. इसलिए भी लोगों का रुझान मीट की ओर बढ़ा है.

3-तीसरी चीज ये है कि अब छोटे शहरों, गांव और कस्बों से युवा बड़ी संख्या में नौकरियों की तलाश में मेट्रो शहरों का रुख कर रहे हैं. यहां कई नौकरियों में उन्हें 10 से 12 घंटे काम करना पड़ता है. ऐसे में परिवार से अलग इन युवाओं के पास खाने के लिए पैक्ड फूड यानि रेडी टू ईट का आप्शन बचता है. जिस वजह से मीट खाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है. क्योंकि बहुत से पैक्ड फूड मीट से बने हुए बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं.

4-वहीं बड़े शहरों में स्नैक्स और फास्ट फूड का कल्चर तेजी के साथ अपनी जगह बनाता चला जा रहा है. बहुत सी फैमिलीज रात को एंज्वॉय करने के लिए घरों से निकलती हैं और फास्ट फूड को खाती हैं. जिसमें चिकन बर्गर, चिकन रोल, चिकन पेटीन और चिकन शोरमा जैसे कई लजीज व्यंजन हैं, जो ज्यादा महंगे भी नहीं हैं और लोगों को तुरंत बाजारों में उपलब्ध भी हो जाते हैं. इसको भी खाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है और यही वजह है कि मीट की मांग बढ़ी है.

5-अगर पांचवे कारण पर गौर करें तो केएफसी जैसे स्टोर की वजह से मीट की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गई है. केएफसी जैसे स्टोर बड़े शहरों में खूब खुले होते हैं. जहां चिकन से बने आइटम्स मिलते हैं और लोग इसे चाव से खाते हैं. भारत केएफसी फूड की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ी है. चूंकि ये बहुत मशहूर कंपनी है तो लोगों को इसकी क्वालिटी पर भी भरोसा है. इस वजह से इन स्टोर्स पर भारतीयों की भीड़ रहती है.

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