Home पशुपालन Animal Husbandry: पशुओं में इसलिए कम हो रहा है दूध, जल्दी नहीं हो रहे बच्चे, साइंटिस्ट ने किया बड़ा खुलासा
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुओं में इसलिए कम हो रहा है दूध, जल्दी नहीं हो रहे बच्चे, साइंटिस्ट ने किया बड़ा खुलासा

PREGNANT COW,PASHUPALAN, ANIMAL HUSBANDRY
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालक भले ही एक बेहतरीन व्यवसाय का रूप ले चुका है और सरकार भी चाहती है कि इसके जरिए किसानों की आय को दोगुना कर दिया जाए. इसके बावजूद पशुपालन में अभी कई तरह की समस्याएं, जिसकी वजह से बहुत से किसान इसको करने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं. कई बार पशुओं का दूध कम हो जाता है और जल्दी-जल्दी बच्चे भी नहीं होते तो ​पशुपालक पशुओं की संख्या कम कर देते हैं. जब​कि ये सब देखकर लघु किसान कारोबार करने से हिचकिचाते हैं. पशुओं में दूध उत्पादन कम क्यों हो रहा है और जल्दी बच्चे क्यों नहीं हो रहे इसका जवाब साइंटिस्ट ने तलाश लिया है.

विस्तार शिक्षा निदेशालय, गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना ने पंजाब के डेयरी विकास विभाग के अधिकारियों के लिए “क्लाइमेट स्मार्ट डेयरी फार्मिंग” पर प्रशिक्षण आयोजित किया था. यहीं पर यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पृथ्वी का एटमॉस्फियर खतरनाक दर से गर्म हो रहा है. जिससे पर्यावरण में डिस्ट्रिक्टिव बदलाव हो रहे हैं, जिससे डेयरी पशुओं के उत्पादन में कमी आने से इनकार नहीं किया जा सकता है. डेयरी पशुओं की उत्पादकता बनाए रखने के लिए डेयरी फार्मिंग में पर्यावरण अनुकूल टक्नोलौजी को लागू करना महत्वपूर्ण है.

ये खराब प्रजनन की वजह
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. प्रकाश सिंह बराड़ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन डेयरी उद्योग के सभी हितधारकों के लिए दुनिया भर में एक प्रमुख चिंता का विषय है. पशु हेल्थ विशेषज्ञों ने पशुधन में हालिया प्रकोप को मौसम परिवर्तन से जोड़ा है. बढ़ते तापमान के कारण डेयरी पशुओं में खराब प्रजनन और दूध उत्पादन में कमी होने की भी आशंका जाहिर की है. इसलिए, विभिन्न रणनीतियों के बारे में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है ताकि वे जलवायु परिवर्तन की निकटतम चुनौतियों पर किसानों का मार्गदर्शन कर सकें. तकनीकी सत्र में विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने डेयरी फार्मों में आवश्यक अनुकूलन और शमन उपायों के महत्व पर चर्चा की.

वेस्टेज मैनेजमेंट मेथड्स के बारे में की चर्चा
वहीं डॉ. रणधीर सिंह ने पशुधन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के प्रमुख प्रभावों के बारे में बात की. डॉ. रविकांत गुप्ता ने पशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए पशु शेडों के स्वचालन और डिजाइन में हाल के नवाचारों को साझा किया. डॉ. परमिंदर सिंह ने दूध उत्पादन पर सटीक पोषण योजना के सकारात्मक प्रभावों पर चर्चा की. डॉ. रजनीश ने डेयरी फार्मों से प्रदूषण को कम करने और कृषि वेस्टेज को एक संसाधन के रूप में उपयोग करने के लिए वेस्टेज मैनेजमेंट मेथड्स के बारे में बात की. डॉ. नवजोत सिंह बराड़ ने डेयरी पशुओं के लिए चारा उत्पादन में कुशल संसाधन उपयोग के लिए बेहतर कृषि मेथड्स पर चर्चा की. ट्रेनिंग का संचालन डॉ. अरुणबीर सिंह ने किया.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

live stock animal news, Survey on farmers, farmers' income, farmers' movement, MSP on crops, Chaudhary Charan Singh Agricultural University, HAU, agricultural economist Vinay Mahala, expenditure on farming.
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की इन चार परेशानियों का घर पर ही करें इलाज, यहां पढ़ें डिटेल

वैकल्पिक दवाओं की जानकारी पशुपालकों के लिए जानना बेहद ही अहम है....