नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग के काम में पशु का दूध उत्पादन अगर कम हो जाए तो फिर इस काम में नुकसान होने लग जाता है. नुकसान से बचाव के लिए जरूरी है कि ये जान लिया जाए कि आखिर नुकसान होने की वजह क्या है. वहीं साथ ही पशुपालक भाइयों को ये भी पता होना चाहिए कि कैसे दूध उत्पादन बढ़ाया जाए. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fish Resources) की ओर से लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को बताया गया कि किन कारणों से दूध का उत्पादन कम होता है और कैसे इसे बढ़ाया जा सकता है.
दूध उत्पादन कम होने के कारण की बात करें तो गलत या कम पोषण संतुलित आहार न मिलने से ऐसा होता है. वहीं पानी की कमी साफ और पर्याप्त पानी न मिलने से, बीमारियां, जैसे खुरपका-मुँहपका, गलघोटू, थनैला आदि से और तनाव जैसे माहौल बदलना, शोर, भीड़, बार-बार जगह बदलने से ऐसा होता है.
स्वास्थ्य देखभाल है जरूरी
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशु का नियमित टीकाकरण करायें और कृमिनाशक दवा दें.
बीमार पशु का तुरंत इलाज कराएं.
थनैला (Mastitis) से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें.
पशु को संतुलित आहार दें
पशु को हरा चारा, सूखा चारा और दाना संतुलित मात्रा में दें.
दूध देने वाली गाय या भैंस को दूध उत्पादन प्रति लीटर पर लगभग 400-500 ग्राम दाना अतिरिक्त दें.
खनिज मिश्रण (Mineral Mixture) और नमक चट्टान (Salt Lick) नियमित रूप से देना है.
पशु को पर्याप्त पानी दें
एक दुधारू पशु को रोज कम से कम 50-70 लीटर पानी चाहिए.
पशु को हमेशा साफ और ताजा पानी उपलब्ध करायें.
दुहाई मैनजमेंट पर ध्यान दें
रोज सुबह-शाम निश्चित समय पर दुहाई करें.
दुहने से पहले और बाद में थन की सफाई करें.
थन में सूजन या मास्टाइटिस की नियमित जाँच करें.
निष्कर्ष
अगर आप इन बातों पर ध्यान देंगे तो पशु का दूध उत्पादन कम नहीं होगा. जिससे डेयरी फार्मिंग के काम में आपको नुकसान नहीं होगा.
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