नई दिल्ली. देश में गाय पालन पुराने समय से चला आ रहा है. पशुपालन में गाय पालन डेयरी उद्योग में अच्छी पसंद है. कई प्रकार की नस्लों की गाय पालकर पशुपालक डेयरी का बिजनेस कर रहे हैं. हर राज्य की गाय की अपनी अलग ही पहचान है. आंध्र प्रदेश के पशुओं की पहचान अलग है. आज आपको बता रहे हैं आंध्र प्रदेश के फेमस पशुओं की नस्ल के बारे में. आंध्र प्रदेश की पुंगनूर गाय आज बेहद मशहूर है. पुंगनूर गाय और नंदी का जन्म आंध्र प्रदेश से हुआ है. छोटे पैर और छोटे कद की पुंगनूर नस्ल की गाय विलुप्त होने की कगार पर थी. इस नस्ल की गाय के अब न सिर्फ आंध्र प्रदेश बल्कि देश के अन्य स्थानों पर भी संरक्षण के प्रयास हो रहे हैं. देश में अब इस नस्ल की गायों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
वैसे तो भारत में गायों की कई तरह की नस्ल पाई जाती हैं लेकिन एक गाय की नस्ल ऐसी है जो सबसे अलग है. गाय की या बेहतरीन ब्रीड दक्षिण भारत में विकसित की गई थी और इसके विलुप्त होने पर आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसके संरक्षण का कार्य किया जा रहा है, ताकि इसे विलुप्त होने से बचाया जाए. इस गाय को पुंगनूर कहा जाता है.
बेहद कम चारा खाती है ये गाय: पुंगनूर गाय लगभग ढाई फीट तक होती है. किसी भी पशुपालक के लिए इस गाय को पालना बहुत ही आसान है. ये अधिक मात्रा में चारा नहीं खाती है. 1 दिन में सिर्फ पांच किलो तक चारा खाती है और तीन लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. इसकी नस्ल 112 साल पुरानी बताई जाती है.
गाय का दूध होता है गुणकारी: एक्सपर्ट कहते हैं कि इसका दूध औषधि गुणों से भरपूर होता है. दरअसल, इसके दूध में करीब 8% तक फैट यानी की वसा की मात्रा पाई जाती है. जो कि मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद है. वहीं अन्य गायों के दूध में तीन से 3.35 प्रतिशत वास की मात्रा होती है. इस गाय का कद बेहद छोटा होता है, ऐसी गायों का पीछे का हिस्सा नीचे और थोड़ा सा झुका हुआ होता है.
बेहद कीमत है गाय, ये है पहचान: इसके अलावा इस गाय के सींग टेढ़े-मेढ़े और पीठ एकदम सफाट होती है. ज्यादातर ही सफेद रंग की होती हैं. वही इस नस्ल की कीमत की बात की जाए तो लगभग एक लाख रुपये लेकर 5 लाख रुपए तक बताई जा रही है. जितनी छोटी होती है, उसे खरीदने के लिए उतना ही ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है.
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