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NDRI: जानवरों के लिए स्मार्ट सेंसर बनाने पर क्यों है सरकार का जोर, आरएसी की बैठक में क्या हुई चर्चा

NDRI, RAC meeting, Research Advisory Committee
अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठक में चर्चा करते एनडीआरआई के निदेशक डॉ. धीर, आरएसी अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र शर्मा व समिति के अन्य सदस्य.

नई दिल्ली. अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) की बैठक राष्टीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल मे आयोजित की गई. संस्थान के निदेशक और कुलपति डॉक्टर धीर सिंह ने संस्थान द्वारा किए पिछले एक वर्ष के दौरान संस्थान द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला. साथ ही संस्थान में की जा रही अनुसंधान गतिविधियों के बारे में भी अनुसंधान शोध कार्यों की समीक्षा करने के लिए आए आरएसी अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र शर्मा और अन्य समिति सदस्यों को बताया. बैठक में क्लोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक विशिष्ट उच्च उत्पादक सीमन विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

डॉ. नागेंद्र शर्मा, जम्मू शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल (एनडीआरआई- मानित विश्वविद्यालय) और सीआईआरजी, मखदूम, मथुरा के पूर्व निदेशक और कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि क्लोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक विशिष्ट उच्च उत्पादक क्षमता का सीमन विकसित कर डेयरी किसानों को उनका वितरण किया जाना चाहिए. वितरण के बाद क्षेत्रीय स्तर पर इनकी उत्पादकता की जांच की जानी चाहिए, जिससे पता चल सके जो सीमन दिया गया है, वो कितना कारगर साबित हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि दुग्ध उत्पादों के गैर-थर्मल प्रसंस्करण से संबंधित उपकरण भी खरीदने की जरूरत है. उचित स्वाद और शेल्फ लाइफ वाले प्री और प्रोबायोटिक दूध उत्पाद तैयार करके उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने चाहिए.

पशुओं की संख्या कम कर उनकी दूध उत्पादकता बढ़ाने जोर
किसान विस्तार कार्यक्रम के तहत किसानों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से उन्नत प्रौद्योगिकियों पर शिक्षित किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं हमें अपने दुग्ध उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बिक्री प्रणाली के बराबर बनाना चाहिए. अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) के सदस्यों ने यह भी कहा कि हमें जानवरों के लिए स्मार्ट सेंसर बनाने चाहिए. दूध की पैदावार हमेशा लक्षित होनी चाहिए ताकि हम डेयरी पशुओं की संख्या कम कर सकें लेकिन साथ ही उनकी दूध उत्पादकता भी बढ़ा सकें.

दूध की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के लिए दिए सुझाव
डॉ. राजन शर्मा, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) ने पिछली आरएसी की कार्रवाई पर रिपोर्ट प्रस्तुत की और संस्थान अनुसंधान परिषद की बैठकों की कार्रवाई पर भी प्रकाश डाला. आरएसी बैठक के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. प्रताप सिंह बिरथल (निदेशक, राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र एवं नीति अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली), डॉ. विशेष कुमार सक्सेना (निदेशक, अनुसंधान, बीएएसयू, पटना), डॉ. सी.जी. जोशी (निदेशक, गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र), डॉ सी आनंदरामकृष्णन (निदेशक; सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी), डॉ. कुसुमाकर शर्मा पूर्व-एडीजी (एचआरएम), शिक्षा प्रभाग, कृषि अनुसंधान, नई दिल्ली और एस.एस. मान, डेयरी उद्यमी, फ़रीदाबाद ने भी संस्थान के प्रमुखों के साथ बातचीत की और दूध की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के लिए अपने सुझाव दिए. बैठक में संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. आशीष कुमार सिंह, सभी प्रभागों के प्रमुखों के साथ-साथ ईआरएस, कल्याणी और एसआरएस, बैंगलोर के प्रमुखों ने भाग लिया.

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