नई दिल्ली. अगर आपके पास खेती के लिए जमीन नहीं और मछली पालन के लिए तालाब नहीं है फिर भी आप हर महीने आसानी से 40 से 90 हजार रुपये कमा सकते हैं. हो सकता है कि इस बात को पढ़कर आप चौंक गए हों लेकिन ये सच है. दरअसल, बाजार में एक ऐसा ड्रोन आया है, जिसकी मदद से आप कमाई कर सकते हैं. इस ड्रोन का इस्तेमाल खेती और फिशरीज दोनों में ही किया जा सकता है और कमाई की जा सकती है. इसको बनाने वाली कंपनी बकायदा तौर पर ड्रोन संचालन की फ्री ट्रेनिंग भी दे रही है ताकि लोग ड्रोन को लें और अपनी आजीविका चलाएं.
दरअसल, इसे मारुत ड्रोन कंपनी ने बनाया है. ये कंपनी डीजीसीए प्रमाणित विनिर्माण और प्रशिक्षण के देने वाली कंपनी है जो ग्राहकों को फ्री डीजीसीए प्रमाणित पायलट ट्रेनिंग दे रही है. जो कि कृषि और जलीयकृषि के क्षेत्र में ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह डीजीसीए पायलट ट्रेनिंग अब हर राज्य में फ्री दी जा रही है. ये खासकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और कृषि केंद्रित राज्यों के लिए है. फ्री ड्रोन ट्रेनिंग कार्यक्रम के जरिए ग्राहक 10 वर्षों के लिए वैध डीजीसीए प्रमाणित रिमोट पायलट प्रमाणपत्र (आरपीसी) हासिल कर सकते हैं.
बैटरी का सेट मिलेगा फ्री
इसके अलावा ग्राहकों को आवश्यक तकनीकी कौशल मिल जाएगा और ड्रोन विनियमों के बारे में जानकारी हासिल होगी. साथ ही उन्हें 47 हजार रुपये मूल्य की बैटरी का सेट भी फ्री दिया जाएगा. जो पहली बार के खरीददारों के लिए महत्वपूर्ण लागत बचत प्रदान करता है, जिससे ड्रोन टेक्नोलॉजी में उनकी एंट्री ज्यादा आसान हो जाएगी. मारुत ड्रोन के सीईओ और सह-संस्थापक प्रेम कुमार विस्लावत ने कहा कहा कि मारुत के मेड इन इंडिया किसान ड्रोन–एजी 365 को भारतीय परिस्थितियों के लिए विकसित किया गया है और इसका इस्तेमाल कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. जिससे उपयोगकर्ता को लागत पर ज्यादा लाभ मिलता है.
फिशरीज में कैसे करें यूज
उन्होंने बताया कि 22 मिनट की क्षमता वाले इस ड्रोन एजी 365 का 1.5 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परीक्षण किया गया है. इसमें विकसित बाधा और भूभाग सेंसर लगे हैं, जो उबड़-खाबड़ और मुश्किल इलाकों में भी सुरक्षित और सुचारू संचालन को सक्षम बनाते हैं. ड्रोन कई नीतभार से लैस है. खेती की बात की जाए तो ड्रोन का उपयोग कीटनाशकों के छिड़काव, कणिकाओं को प्रसारित करने आदि के लिए किया जा सकता है. जबकि फिशरीज में मछलियों को फीड देने, खाद डालने और मॉनीटरिंग आदि के लिए किया जा सकता है. इसे बीमा द्वारा सुरक्षित किया गया है जो ग्राहकों को किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचाता है. वहीं इसे लेने में भारत सरकार से सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है.
कई कामों किया जा सकता है इस्तेमाल
गौरतलब है कि बाजार में मौजूद ज्यादातर ड्रोन सिर्फ एक ही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. इसी तरह चुनौतियों को समझते हुए कंपनी ने इस ड्रोन को बनाया है. ट्रैक्टर की तरह ही, इस ड्रोन को, सिर्फ जुड़े भागों को बदलकर कई कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे कि निवेश पर बेहतर रिजल्ट मिलेगा. ड्रोन का इस्तेमाल कई सालों तक अलग-अलग कृषि और जलीय कृषि में किया जा सकता है. बताया गया कि मारुत ड्रोन का इस्तेमाल करने वाला एक ड्रोन उद्यमी 40 से 90 हजार रुपये प्रति माह तक कमा सकता है. जिससे वह अपने घर पर आराम से काम करके किसानों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
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