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Animal Husbandry: सर्द मौसम में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए करें ये उपाय, खिलाएं इस तरह का फीड

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. ठंड का सीजन शुरू होने वाला है. इसलिए जरूरी है कि डेयरी फार्म में क्या बदलाव करने और कैसी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पशुओं को ठंड से बचाया जा सके, इसके बारे में पशुपालकों को पता हो. एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं के बाड़े में गोबर और पेशाब केे निकास की सही व्यवस्था करना बेहद ही जरूरी है. ऐसा न होने पर जलभराव हो सकता है. वहीं पशुपालकों की ये कोशिश होनी चाहिए कि बाड़े को नमी और सीलन से बचाएं और ऐसी व्यवस्था करें कि सूरज की रोशनी पशु बाड़े में देर तक रहे. ज्यादा सर्दी के समय पशुओं को जूट के बोरे बनाकर ओर अच्छी तरीके से पहना दें. इसके अलावा गर्मी के लिए पशुओं के पास अलाव जला कर भी रख सकते हैं.

ठंड के सीजन में पैदा हुए नवजात पशु को खीस जरूर पिलाएं, इससे बीमारी से लड़ने की क्षमता में बढ़ जाती है. वहीं प्रसव के बाद मां को ठंडा पानी न पिलाकर गुनगुना पानी पिलाना बेहतर होता है. गर्भित पशु का विशेष ध्यान रखें व प्रसव में जच्चा-बच्चा को ढके हुए स्थान में बिछावन पर रखकर ठंड से बचाव करें.

पशु आहार प्रबंधन ऐसे करें
सर्दियों के दिनो में हमें इस बात ध्यान रखना चाहिए कि पशु को दैनिक गतिविधियो को पूरा करने के लिए जो ऊर्जा लगती है. उसकी जरूरत बढ़ जाती है. ऐसे में हमें आहार की मात्रा समान्य से ज्यादा देना चाहिए नही तो उत्पादन प्रभावित होगा. ऊर्जा की ज्यादा पूर्ति के लिए पशु को गुड़ या शिरा भी खिला सकते हैं. पशु को 24 घंटों में खिलाया जाने वाला आहार (दाना व चारा) जिसमें उनकी जरूरतों की पूर्ति के लिए खाने वाले तत्व मौजूद हों, पशु आहार कहते है और जिस आहार में पशु के सभी आवश्यक पोषक तत्व उचित मात्रा में उपलब्ध हो, उसे संतुलित आहार कहते हैं. सर्दी के मौसम में पशुओं को संतुलित आहार देना चाहिए.

क्या-क्या खिलाना चाहिए, पढ़ें यहां
सांद्र आहार हमें रात के समय देना चाहिए. जिस वजह से पैदा होने वाली ऊर्जा पशु को अंदर से रात भर गर्म रखेगी और काफी हद तक ठंड से बचने में मदद मिलती है. पशु के शरीर की निर्वहन के लिए गाय के लिए 1.0 किलो प्रतिदिन व भैंस को 1.5 किलो प्रतिदिन दाना देना चाहिए, इसके अतिरिक्त गाय मे 2.5 लीटर दूध पर तथा भैंस में 2.0 लीटर दूध पर 1.0 किलो संतुलित आहार अतिरिक्त देना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि गांव मे किसान भाई दुधारू जानवर को सिर्फ एक ही प्रकार कि खली या दाना खिलाते हैं, जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से उचित नहीं है. पशुपालको को दानों का मिश्रण एक अनुपात मे मिलाकर खिलाना चाहिए. जिससे कि पशु का उत्पादन अधिक से अधिक ले सके.

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