नई दिल्ली. गाय, भैंस, भेड़, बकरी तो लोग भी पलते ही हैं, पशुपालक उनकी बीमारियों को लेकर भी बहुत परेशान रहते हैं लेकिन अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि छोटी बड़ी बीमारी हो या कोई गंभीर मामला सिर्फ पशुपालन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नंबर पर कॉल लगाने की जरूरत है.
जैसे ही फोन कनेक्ट होगा डॉक्टरों की टीम तमाम जरूरी उपकरणों के साथ आपके दरवाजे पर होगी और बीमार पशुओं का इलाज कर देगी. जानकारी के मुताबिक पशु गर्मी में होंगे तो कृत्रिम गर्भाधान करने वाली टीम भी एक फोन पर ही आपके घर पहुंच जाएगी. गांव या दूर—दराज इलाकों में जहां वैन नहीं पहुंच सकती वहां पर टीम बाइक से आपके घर तक पहुंचेगी.
बताया जा रहा है कि मोबाइल वेटरनरी यूनिट की टीम को गुरुवार को दोपहर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला मत्स्य डेयरी और पशु मंत्रालय ने बारामुला कश्मीर में इस टीम को रवाना किया. टीम में वेटरनरी वैन के साथ ही बाइक टीम भी शामिल की गई है. इसके लिए 1962 नंबर पर कॉल करने की सुविधा है.
मत्स्य, डेयरी और पशुपालन मंत्रालय का कहना है कि इस स्कीम के तहत वक्त पर ही पशुओं का इलाज संभव हो सकेगा. ताकि पशुओं से जो दूध प्रोडक्शन होता है उसपर कोई असर न पड़े. बकरी हो या भैंस उसका मौके पर ही इलाज करना संभव होगा. बहुत ज्यादा गंभीर मामला हुआ तो अस्पताल ले जाने की व्यवस्था भी होगी.
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