नई दिल्ली. पास्ता, नूडल्स और मैक्रोनी अब भारतीय घरों के किचन का अभिन्न हिस्सा बच चुके हैं. बच्चे इन फूड को बड़े ही शौक के साथ खाते हैं. अगर ये कहा जाए कि अब इन फूड को खाने से बच्चों की सेहत अच्छी रहेगी और तंदुरुस्त हो जाएंगे तो आप हैरान न हों. दरअसल, अब पास्ता, नूडल्स और मैक्रोनी जैसे बच्चों के फेवरेट फूड को चिकन पाउडर से तैयार किया जा सकेगा. ये बात तो हम सभी जानते हैं कि चिकन प्रोटीन का एक बेहतरीन सोर्स है. जब चिकन पाउडर के जरिए तैयार इन फूड्स को बच्चे खाएंगे तो इसका फायदा उन्हें मिलेगा. उनकी ग्रोथ तेजी से होगी.
गौरतलब है कि न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट कहते हैं कि जितना वजन है, उसके हिसाब से प्रोटीन की जरूरत पड़ती है. मसलन किसी का वजन 50 किलो है तो उसे हर दिन 5 ग्राम प्रोटीन चाहिए होता है. इसलिए चिकन पाउडर से बने फूड काम कर सकते हैं. दरअसल, गडवासु में इसी को लेकर डॉ. राजेश वी. वाघ को “बिना पकाए मुर्गी के मांस और डीएचए पाउडर से फोर्टिफाइड फंक्शनल पास्ता के विकास” पर उत्कृष्ट शोध के लिए “सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुति पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है.
हासिल हुईं कई उपलब्धियां
बता दें कि गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी, लुधियाना के पशुधन उत्पाद टेक्नोलॉजी विभाग के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों और संकाय सदस्यों ने 39वें भारतीय पोल्ट्री विज्ञान संघ सम्मेलन (IPSACON-2024) और “स्थायी विकास के लिए भारतीय पोल्ट्री क्षेत्र को आकार देना” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में कई उपलब्धियां हासिल कीं है. इसका आयोजन नागपुर पशु चिकित्सा महाविद्यालय, महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय नागपुर के पोल्ट्री विज्ञान विभाग ने भारतीय पोल्ट्री विज्ञान संघ, बरेली के सहयोग से किया था.
राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने का इंतजार
जहां डॉ. राजेश वी वाघ को “बिना पकाए मुर्गी के मांस और डीएचए पाउडर से फोर्टिफाइड फंक्शनल पास्ता के विकास” पर रिसर्च के लिए “सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुति पुरस्कार” से सम्मानित किया गया. उन्होंने पोस्ट-हार्वेस्ट और टेक्नोलॉजी पर वैज्ञानिक सत्र में रिपोर्टर के रूप में भी काम किया है. डॉ. नितिन मेहता ने इस रिसर्च काम का सह-लेखन किया. विभागाध्यक्ष डॉ. यशपाल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से विभाग की टीम निश्चित रूप से और अधिक सावधानी से काम करने के लिए प्रेरित होगी.
पशुधन की उन्नति पर हो रहा है काम
पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ. एसपीएस घुमन ने विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि इस तरह की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक मान्यताएं फैकेल्टी मेंबरों और छात्रों को परिश्रम और जुनून के साथ काम करने के लिए प्रेरित करेंगी. पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च के डीन डॉ. संजीव कुमार उप्पल ने इस बात पर जोर दिया कि यूनिवर्सिटी का वैज्ञानिक समुदाय पंजाब और भारत में पशुधन क्षेत्र की उन्नति के लिए लगातार काम कर रहा है. कुलपति डॉ. जतिंदर पॉल सिंह गिल ने टीम की उपलब्धियों की सराहना की और किसानों और उभरते उद्यमियों के उत्थान के लिए अभिनव अनुप्रयुक्त अनुसंधान के लिए खुद को समर्पित करने वाले विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक समुदाय के महत्व पर जोर दिया.
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