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Fisheries: सजावटी मछली के कारोबार को बढ़ावा देने के करोड़ों रुपए खर्च कर रही है सरकार, यहां पढ़ें डिटेल

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ) मछली पालन को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. साथ ही सजावटी मछलियों के पालन को भी बढ़ावा देने का काम कर रहा है. भारत सरकार ने पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्य सहित देश में सजावटी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत पिछले चार सालों में (2020-21 से 2023-24) और चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान कुल 230.45 करोड़ रुपए इस काम के लिए सरकार की ओर से जारी किए गए हैं.

पीएमएमएसवाई के तहत सजावटी मछली पालन इकाइयों की 2465 इकाई, 207 एग्रीगेट सजावटी मछली (प्रजनन और पालन) इकाइयां, 5 मीठे पानी की सजावटी मछली ब्रूड बैंक इकाइयां और मनोरंजक मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की 144 इकाइयों को मंजूरी दी गई है. सजावटी मत्स्य पालन के क्षेत्र में कारोबार को सहूलियत, बुनियादी ढांचे और बाजार विस्तार को बढ़ावा देने के लिए, भारत सरकार ने 2024-25 के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत तमिलनाडु के मदुरै जिले को सजावटी मत्स्य पालन क्लस्टर के रूप में नोटीफाइड किया है.

ब्रीडिंग के लिए 11 यूनिट को मंजूरी मिली
असम सरकार के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है, जिसमें उत्तर भारत की सजावटी मछलियों की देशी किस्मों के प्रदर्शन के लिए अमीनगांव, कामरूप में एक मछलीघर का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा, देश में सजावटी मत्स्य संसाधनों के विकास के लिए रणनीति और रोडमैप तैयार करने के लिए, पीएमएमएसवाई के तहत भारत में सजावटी मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला अपग्रेड करने की रणनीतिक योजना और डेटाबेस विकास के लिए आईसीएआर-केंद्रीय मीठा जल कृषि संस्थान (आईसीएआर-सीआईएफए) के परियोजना प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. पीएमएमएसवाई के तहत, सजावटी मछली प्रजनन और पालन इकाई की 11 इकाइयों की स्थापना के लिए 2.60 करोड़ रुपये की लागत से मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

लोगों को दी जा रही है ट्रेनिंग
मछली पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) के तहत, तिरुनेलवेली जिले के तिरुनेलवेली में एक सार्वजनिक मछलीघर और सजावटी मछली खुदरा इकाई की स्थापना के लिए 5.00 करोड़ रुपये के कुल खर्च के साथ तमिलनाडु सरकार के परियोजना प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) ने राजस्थान राज्य में सजावटी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 1000 लोगों के लिए ट्रेनिंग और कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उष्णकटिबंधीय जलीय कृषि और कृषि प्रणाली, उदयपुर, राजस्थान और राजस्थान सरकार को वित्तीय सहायता दी गई की है.

इन राज्यों में चल रही हैं एक्वेरियम दुकानें
आईसीएआर-केंद्रीय मीठे पानी की जलीय कृषि संस्थान (सीआईएफए), भुवनेश्वर ने बताया है कि भारतीय सजावटी मछली उद्योग का मूल्य लगभग 3,000 करोड़ रुपये है, जिसमें प्रजनन, पालन, सजावटी मछलियों का व्यापार, एक्वेरियम के सामान, जलीय पौधे और सजावटी सामान शामिल हैं, जो रोजगार और उद्यमिता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. आईसीएआर-सीआईएफए की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश में लगभग 1,300 एक्वेरियम दुकानें और राजस्थान में 700 दुकानें चल रही हैं.

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