Home मछली पालन Ornamental Fish: रंगीन मछलियों में होती है ये बीमारियां, जानें बचाव के टिप्स
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Ornamental Fish: रंगीन मछलियों में होती है ये बीमारियां, जानें बचाव के टिप्स

लोग अपने एक्वेरियम में नौ गोल्ड फिश सेट जरूर रखते है.
गोल्ड फिश

नई दिल्ली. अगर आप घर पर एक्वेरियम रखते हैं तो उस रूम का लुक बेहद अच्छा लगता है और मन को आराम भी मिलता है. एक्वेरियम दिखने में खूबसूरत लगता है. कई बार एक्वेरियम की देखभाल न हो पाने से दिक्कते आ जाती हैं. वहीं कुछ बीमारियां भी ऐसी हैं, जो फिश को लग जाती है. आज आपको बता रहे हैं कि एक्वेरियम की मछलियों में कौन सी बीमारियां है, जो एक्वेरियम में हो सकती हैं. इस आर्टिकल के जरिए आपको बता रहे हैं उन बीमारियों के बारे में. जिससे मछलियां लंबी उम्र तक एक्वेरियम में जिंदा रह सकें. रंगीन मछलियां घरों को और सुंदर बनाती है. आइये जानते हैं कि मछलियों की बीमारियों के बारे में क्या इंतजाम करें.

एक्वेरियम में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें कुछ सबसे आम हैं, सफेद धब्बा रोग, जीवाणु संक्रमण, फंगल संक्रमण, फ्लूक संक्रमण, और कुछ वायरल बीमारियां. इन बीमारियों के कारण मछली में त्वचा पर धब्बे, रंग का गायब होना, सांस लेने में कठिनाई, सुस्ती, और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

ये बीमारियां हैं प्रमुख:

सफेद धब्बा रोग: यह एक आम परजीवी संक्रमण है जो मीठे पानी की मछलियों में होता है. इसके कारण मछली के शरीर पर छोटे-छोटे सफेद धब्बे दिखाई देते हैं. जीवाणु इंफेक्शन से मछली की स्किन पर घाव, गलफड़ों की सूजन और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं.

फंगल संक्रमण: फंगल इंफेक्शन से मछली की स्किन पर सफेद या भूरे रंग के धब्बे हो जाते हैं. शरीर पर फुलाव दिखाई दे सकता है.

फ्लूक संक्रमण: फ्लूक परजीवी मछली की स्किन और गलफड़ों पर अटैक करते हैं और ब्ल्ड और शरीर के तरल पदार्थ चूसते हैं. इससे मछली कमजोर हो जाती है और सांस लेने में कठिनाई होती है.

वायरल बीमारियां: कुछ वायरल बीमारियां मछली की गलफड़ों को प्रभावित कर सकती हैं. धंसी हुईं आंखें और सफेद धब्बेदार गलफड़ों के लक्षण दिखा सकती हैं.

बीमारी को रोकने के उपाय: पानी की गुणवत्ता का ध्यान रखें: नियमित रूप से पानी बदलते रहें. फिश एक्वेरियम के टैपरेचर को स्थिर रखें. पीएच और अन्य रासायनिक स्तरों को सही रखें.

मछलियों को तनाव से दूर रखें: उचित आवास, सही भोजन और पानी में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन तय करें.

नया मछली लाने पर संगरोध करें: नई मछली को मुख्य टैंक में डालने से पहले कुछ समय के लिए अलग रखें ताकि यह पता चल सके कि वह किसी बीमारी से संक्रमित तो नहीं है.

सफाई का ध्यान रखें: एक्वेरियम को नियमित रूप से साफ करते रहें. सजावट को साफ करें और फ़िल्टर को साफ करें. यदि आप अपने एक्वेरियम में किसी भी मछली में बीमारी के लक्षण देखते हैं, तो तत्काल उसका उपचार कराएं.

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