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Dairy: PM Modi बोले- हमारी कोशिश अन्नदाता को ऊर्जादाता-उर्वरकदाता बनाने की, पढ़ें डिटेल

Banas Dairy Varanasi
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अन्नदाता को ऊर्जादाता-उर्वरकदाता बनाने की जरूरत है और हमारी सरकार की कोशिश यही है कि देश के अन्नदाता ऊर्जादाता-उर्वरकदाता बनें. उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर बनास डेयरी की स्थिरता पहल का एक हिस्सा है. बनास ने हरित ऊर्जा कार्यक्रम शुरू किया है. पायलट बायो सीएनजी प्लांट पिछले 3 साल से सफलता के साथ काम कर रहा है और जापान की मारुति सुजुकी के सहयोग से चार नए प्लांट आ रहे हैं. गोबर आधारित मेथेन को ऑटोमोबाइल तरल बायो सीएनजी और जैव कार्बनिक पदार्थ में परिवर्तित किया जाता है, इसे बैक्टीरियल कल्चर और पोषक तत्वों के साथ फास्फेट रिच ऑर्गेनिक खाद और संजीवनी में परिवर्तित किया जाता है जो जैविक भोजन का उत्पादन करने के लिए डीएपी और यूरिया जैसे रासायनिक उर्वरक की जगह लेता है.

गोबर को सोने में बदला जा रहा है
बनास डेयरी के तीन उत्पादन जिन्होंने जिले में पौधों की वृद्धि और उत्पादकता की वृद्धि का प्रदर्शन किया है. बनारस गोवर्धन प्रोम 50 किलो और 5 किलो, बनास गोवर्धन सेंद्रिया खातर 50 किलो और बनास कृषि संजीवनी 1 लीटर 5 लीटर 25 लीटर, बनास डेरी की गोवर्धन योजना के तहत गोबर को सोने में बदलने के लिए गोबर पर आधारित 50 ऐसे बायो सीएनजी संयंत्र लगाने की योजना है. उन्होंने कहा कि स्थिरता की दिशा में एक और प्रमुख प्रयास में बनास डेयरी ने रिटेल पैक में जीवाणु कचलर का उत्पादन करने के लिए एक जैव किण्वक सुविधा स्थापित की है, जो पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का उत्पादन करने के लिए अन्य रासायनिक और जैव उर्वरकों की तरह मिट्टी में काम करेगी.

प्लांट की क्षमता 1000 लीटर जैव उर्वरक उत्पादन की है
धरती माता के पास पहले से ही स्थूल सूक्ष्म पोषक तत्वों का विशाल भंडार है. हालांकि यह प्रयोग करने योग्य नहीं है और विभिन्न लवणों और योगिकों के रूप में विद्यमान है. इसलिए वे पौधों के लिए उपलब्ध नहीं है. खिमाणा स्थित बायो फर्टिलाइजर सुविधा में उत्पादित उत्पादों में बैक्टीरिया के मिश्रण की शिष्या होती हैं. जिन्हें स्प्रे और ड्रिप के माध्यम से आसानी से लगाया जा सकता है. अलग-अलग प्रकार के उत्पाद हैं जो पौधों के लिए आवश्यक प्रमुख माइक्रो पोषक तत्वों यानी नाइट्रोजन इन फास्फोरस पी और पोटाश के के संबंध संबोधित करते हैं. उत्पाद आवश्यक पोषक तत्वों के संयोजन यानी एपीके एचपी और तीन पोषक तत्वों यानी एनपी को अलग-अलग संबोधित करते हैं. प्लांट की क्षमता 1000 लीटर जैव उर्वरक उत्पादन की है, जिसे उन्नत भी किया जाता है. उत्पाद आनंद कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई तकनीकी का उपयोग करके बनाया गया है.

सबसे किफायती तरीके से हाइड्रोजन का उत्पादन
हमारी डेयरी ने एनडीडीबी और सस्टेन प्लस के सहयोग से गोबर से हाइड्रोजन उत्पादन का परीक्षण शुरू किया है. यह परीक्षण अधिक किफायती दर पर ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन का नया मार्ग खोलता है. इसका दूसरा फायदा यह है कि परियोजना ने केवल हाइड्रोजन उत्पन्न करती है, बल्कि कार्बन ब्लैक का भी उत्पादन करती है. जो कार्बन का सबसे नया रूप है. जिसका उपयोग कृषि में मिट्टी के जैविक कार्बन सामग्री को बढ़ाने के लिए किया जाएगा. पायरोलिसिस का उपयोग करके हम एक कुशल और पर्यावरण अनुकूल विधि का प्रदर्शन करते हुए शुद्ध बायोगैस को हाइड्रोजन कार्बन दोनों में बदलते हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि उत्पादन लागत न्यूनतम है, जो हाइड्रोजन का उत्पादन करने का सबसे किफायती तरीका है.

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Livestock Animal News

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