नई दिल्ली. ये बात बिल्कु फैक्ट है कि मुर्गी पालन करके किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं और इससे उन्हें काफी फायदा होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गी पालन के कई फ़ायदे हैं, जिसमें से पहला फायदा तो ये है कि इसके पालन से विटामिन से भरपूर अंडे और मांस को हासिल किया जाता है. वहीं मुर्गी पालन से किसान एक्सट्रा इनकम हासिल कर सकते हैं. इस काम को करने के लिए ज्यादा बड़ी जगह की जरूरत भी नहीं होती है. आप चाहें तो इसको घर में भी या फिर घर के पीछे आंगन में भी कर सकते हैं. यहां मुर्गियां घर के वेस्ट और आसपास के कीटों को खाकर अपना पेट भर लेती हैं. अगर आप देसी मुर्गी की नस्ल पालते हैं, तो आपको मुर्गी और उसके अंडे दोनों बेचे जा सकते हैं.
हालांकि मुर्गी पालन में कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है. मसलन मुर्गी पालन के लिए मुर्गियों को पर्याप्त मात्रा में पानी, विटामिन, और प्रोटीन की ज़रूरत होती है. अगर ये न दिया जाए तो मुर्गियों की ग्रोथ रुक सकती है और उनके अंडों के विकास पर भी इसका असर पड़ सकता है. मुर्गी पालन के लिए सही समय पर पोल्ट्री का टीकाकरण कराना ज़रूरी है. ऐसा न करने से उन्हें बीमारियां भी लग सकती हैं. जिसका खामियाजा पोल्ट्री संचालकों को उठाना पड़ सकता है.
ठंड में ये दिक्कतें आती हैं
पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली का कहना है कि सर्दियों के मौसम में आसपास का तापमान कम हो जाता है. इसलिए पोल्ट्री उत्पादन पर बहुत प्रभाव पड़ता है. इस मौसम में मुर्गियों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि ठंड के दौरान जब तापमान 55 एफ से नीचे चला जाता है, तो मुर्गियों को कई समस्याएं होती हैं. ब्रॉयलर में एफसीआर, वजन बढ़ने में कमी, अंडे के उत्पादन में कमी, पानी के पीने में कमी, प्रजनन क्षमता और हैचबिलिटी में कमी आदि होती है. इन सबका मतलब ये है कि पोल्ट्री कारोबार में नुकसान हो सकता है.
प्रोडक्शन के लिए ये चार चीजे हैं अहम
उन्होंने बताया कि बिजली की उपलब्धता की कमी की वजह से विशेष रूप से ग्रामीण भारत में पोल्ट्री शेडों का जैसा इंनफ्राट्रक्चर होना चाहिए वैसा नहीं हो पाता है. इसलिए ठंड के मौसम के के दौरान मुर्गियों के पालन का प्रबंधन पोल्ट्री किसानों के लिए एक बेहद चिंता की बात होती है. ठंड के मौसम में पोल्ट्री से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए कम से कम वेंटिलेशन, बिस्तर, प्रबंधन, फ़ीड प्रबंधन और जल प्रबंधन आदि पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
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