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Poultry Farming: मुर्गी फार्म में हानिकारक कीटाणुओं के फैलने का क्या है वजह, जानें यहां

मुर्गियों के रहने की जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए.
प्रतीकात्मक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

नई दिल्ली. मुर्गी पालन में अगर मुर्गियों में बीमारी फैलने शुरू हो जाए तो फिर इससे बड़ा नुकसान हो सकता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गी फार्म में अगर बीमारियां फैल गई तो आर्थिक नुकसान, उत्पादन में गिरावट और मुर्गियों मैं मृत्यु दर भी बढ़ सकती है. बीमारियों की वजह से मुर्गियों की हैल्थ खराब हो जाती है. जिससे उनकी अंडे देने की क्षमता और मीट उत्पादन की क्षमता भी प्रभावित होती है. वहीं बीमारी से फॉर्म में काम करने वाले लोगों को भी खतरा रहता है. अगर बीमारी इंसानों में फैलने वाली है तब मामला बहुत ज्यादा बिगड़ सकता है. इसलिए हर हालत में मुर्गियों को बीमारियों से बचाना चाहिए.

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गियों को हर हाल में बीमारियों से बचाना है तो नुकसानदायक कीटाणुओं को मुर्गी फार्म में आने से रोकना होगा. इसके लिए नियमित रूप से साफ सफाई और कीटाणु नाशक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. जिससे बीमारियों पर काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं उचित आहार पानी वैक्सीनेशन और बीमारियों में बीमार मुर्गियों को अलग रखना मुर्गियों की बीमारी रोकने में महत्वपूर्ण कदम है.

कैसे कीटाणुओं की होती है फार्म में एंट्री
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गी में हानिकारक कीटाणु कई माध्यम के जरिए फैल जाते हैं. जैसे दूषित व्यक्ति, उपकरण और बाहरी परजीवियों के शामिल होने से नुकसानदायक कीटाणु मुर्गियों के फॉर्म में अपनी जगह बना लेते हैं. इससे मुर्गियों का उत्पादन प्रभावित होता है. इसके अलावा दूषित दाना और दाने के बैग और मुर्गी फार्म का बिछावन भी रोग फैलाने में मददगार होता है. एक फार्म से दूसरे फॉर्म में जाने वाले लोग उपकरण और वहां को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में मददगार होते हैं. इस वजह से इन सब बातों का बेहद ही ख्याल रखना चाहिए. ताकि मुर्गियों में बीमारी न फैल सके.

इन कारणों पर भी करें गौर
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से बताया गया है कि मुर्गी फार्म में हानिकारक कीटाणुओं के फैलने का माध्यम बीमार मुर्गियों का बिना बीमारी वाले फार्म पर एंट्री भी होता है. संदूषित व्यक्तियों, उपकरणों एवं वाहनों के आगमन द्वारा ये बीमारियों फैल जाती हैं. मृत मुर्गियों को उचित तरीके से निपटान न करने से स्वस्थ मुर्गियों में बीमारी फैल सकती हैं कभी-कभी रोग से निजात पा चुकी मुर्गियों में रोग के जीवाणु रह जाते हैं जो कि स्वस्थ मुर्गियों में बीमारी फैला सकते हैं.

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