नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में मुर्गियों को वैक्सीनेशन करना बेहद ही जरूरी है. इससे मुर्गियों को कई तरह के खतरे बचाया जा सकता है. मुर्गियों को जब एक बार बीमारी लग जाती है तो पूरे के पूरे फार्म में मुर्गियों की मौत होने लग जाती है. इसलिए मुर्गियों को वैक्सीन लगाना जरूरी होता है. ये इसलिए भी जरूरी है कि जब मुर्गियों को बीमारी लग जाती है तो उन्हें बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इससे बचाव ही इसका सबसे अच्छा तरीका है. तभी पोल्ट्री फार्मिंग में फायदा होगा, नहीं तो नुकसान होने लग जाएगा.
वैक्सीनेश से पहले हाथों के नाखूनों को अच्छी तरह से काटें. हाथों को कम से कम दो बार साबुन और साफ पानी से अच्छी तरह धोयें और बाद में तौलिया से न पोछें बल्कि हाथों को हवा में सुखाएं. उबलते पानी में सिरिंज के तमाम भागों को अलग-अलग डालकर 15-20 मिनट उबालें. उबालने के बाद चिमटी की मदद से सिरिंज को निकालकर, बर्तन में रखें.
वैक्सीन बनाने का तरीका
दोनों टीके सूखी हुई, शीशी बंद गोली के रूप में मिलते हैं, जिन्हें टीकाकरण के पहले, साथ में उपलब्ध, घोलने वाली चीज जिसे सॉल्वेंट कहा जाता है उसमें घोलकर बनाया जाता है. सबसे पहले वैक्सीन घोलक की सील खोलते हैं. लगभग 1 मिली. घोलकर सिरिंज में भरकर वैक्सीन की शीशी में डालें. वैक्सीन की शीशी को हिलाकर टीके को घोलें. घुले हुए टीके को सिरिंज में भरकर वापस सॉल्वेंट की शीशी में डालें घोलक की शीशी को हिलाकर टीके को पूरे सॉल्वेंट में मिला लें. अब वैक्सीन तैयार है.
क्या बरतनी है सावधानियां, जानें यहां
वैक्सीन घोलने के बाद 2 घंटे के अंदर इस्तेमाल करें नहीं तो टीका खराब हो जाएगा. दो घंटे के बाद बचे टीके को फेंक दें. टीका हमेशा बर्फ में रखकर घोलें. मुर्गियों में वैक्सीन निर्धारित मात्रा / डोज से कम नही लगाना चाहिए.
वैक्सीनेशन से जुड़ी अहम बातें क्या हैं
- वैक्सीन बाजार से लाने से लेकर इस्तेमाल करने तक इसे थर्मस के अन्दर बर्फ में रखें.
- वैक्सीन खरीदते समय वैक्सीन के इस्तेमाल की अंतिम तारीख देखनी चाहिए.
- वैक्सीन लगने से पहले सिरिंज आदि को अच्छी तरह साफ करना चाहिए.
- वैक्सीन को दिए गए निर्देश के अनुसार ठीक प्रकार मिलाना चाहिए.
- वैक्सीन को गर्मी या लू से बचाना बेहद ही जरूरी होता है.
- सॉल्वेंट को वैक्सीन तैयार करने से पहले ठंडा करना चाहिए.
- वैक्सीन तैयार कर लेने पर इसे 2 घंटे के अंदर इस्तेमाल करें वरना असर कम हो जाता है.
- पुराना टीका फेंक दें। हमेशा नया टीका तैयार करके लगाएं.
- वैक्सीन लगाने के 1 दिन पहले से तथा 2-3 दिन बाद तक चूजों का विटामिन और एंटीबायोटिक पाउडर दें.
- बीमार मुर्गियों का टीकाकरण न करें.
- वैक्सीन लगाने के साथ-साथ डीवार्मिंग की दवा जरूर पिलाएं
- पहले वैक्सीनेशन के 14 से 21 दिन बाद से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है.
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