Home पोल्ट्री Poultry Farming: क्या है मुर्गी पालन में बायो​ सिक्योरिटी, क्यों है इसकी जरूरत, जानें यहां
पोल्ट्री

Poultry Farming: क्या है मुर्गी पालन में बायो​ सिक्योरिटी, क्यों है इसकी जरूरत, जानें यहां

यह व्यस्क मुर्गियों में हरे-पीले रंग के दस्तों की छूतदार बीमारी है. यह पुलोरम से मिलती-जुलती बीमारी है.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मुर्गी पालन हो या चाहे पशुपालन दों ही काम में पक्षियों और जानवरों की देखरेख करना बेहद ही जरूरी होता है. वहीं मुर्गियों में बायो सिक्योरिटी यानी जैव सुरक्षा की बेहद जरूरत होती है. अगर ऐसा किया जाता है तो मुर्गियों को बीमारी से बचाया जाता है. बीमारियों को फैलने से रोकने में भी बायो सिक्योरिटी बेहद ही अहम है. वहीं मुर्गियों को स्वस्थ रखने के लिए भी यह जरूरी काम है. बायो सिक्योरिटी यह तय करती है कि रोग वाले कीटाणु मुर्गी फार्म में प्रवेश न करें और अगर फॉर्म में आ गए हैं तो दूसरे फॉर्म में ना फैल जाएं. अगर आप भी बायो सिक्योरिटी का ख्याल मुर्गी पालन में करते हैं तो इससे मुर्गियों का उत्पादन में बेहतर ले सकते हैं और उन्हें बीमारियों से बचा सकते हैं. जिसका सीधा सा मतलब है कि आपको पोल्ट्री फार्मिंग में अच्छा खासा मुनाफा होने लगेगा.

इतना ही नहीं बता दें कि बीमारियों के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिए बायो सिक्योरिटी बेहद जरूरी है. बायो सिक्योरिटी किसानों के इलाज और दावाओं पर होने वाले खर्च को कम करने में भी मदद करती है. बायो सिक्योरिटी के तरीकों की बात की जाए तो मुर्गी के बाड़े और आसपास के क्षेत्र को साफ रखना, नियमित रूप से कूड़ा हटाना और कीटाणु नाशक का उपयोग करना ही बायो सिक्योरिटी के अहम कामों में से एक है.

मुर्गीपालन में बायो सिक्योरिटी क्या है ?
बायो सिक्योरिटी को लेकर बिहार के पशु एंव मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से कुछ एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें बताया गया है कि बायो सिक्योरिटी क्या है.

साधारण भाषा में कहा जाए तो बायो सिक्योरिटी पूरे फार्म को हानिकारक व बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं से बचाने का एक उपाय है.

मुर्गी पालन व्यवसाय को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए जैव सुरक्षा एक महत्वपूर्ण उपाय है.

मुर्गी पालन व्यवसाय में रोग के इलाज से रोग का बचाव बेहतर होता है.

बीमारी फैलने के बाद मृत्यु दर बढ़ जाती है जिस पर कई बार काबू पाना कठिन हो जाता है.

पूरे फार्म का बचाव करने तथा मुर्गी को रोगग्रस्त न होने देने के लिए जो पद्धति प्रयोग में लाई जाती है वह जैव सुरक्षा उपाय (Bio – Security) कहलाती है.

मुर्गियों को गर्मी से बचाएं
आपको यहां ये भी बताते चलें कि गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के कारण मुर्गियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. जिससे उनके उत्पादन (अंडा व मांस) में कमी मृत्यु दर में वृद्धि और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए मुर्गियों को गर्मी से बचाने के उपाय करने चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

पोल्ट्री के इस बिजनेस में कई ऐसी नस्ल हैं, जो अच्छा अंडे का उत्पादन करती हैं और उनका मीट भी बेहद पसंद किया जाता है.
पोल्ट्री

Poultry: मुर्गियों की देखभाल में इन बातों का जरूर ध्यान रखें पोल्ट्री फार्मर

मजदूरों और फार्म में कार्य करने वाले अन्य कर्मचारियों के लिए इस्तेमाल...

पोल्ट्री

Poultry: पोल्ट्री सेक्टर के सामने है बर्ड की हैल्थ और प्रोडक्ट को बढ़ावा देने की बड़ी चुनौती

प्रस्ताव रखा कि सभी पोल्ट्री संघों को एक बराबर फंड में योगदान...