नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में ठंड के दौरान फार्म का टेंपरेचर बनाए रखने की बेहद ही जरूरत होती है. अगर फॉर्म का टेंपरेचर मुर्गियों हिसाब से रखना होता है. मसलन, जब हम फॉर्म में चूजे लाते हैं तो पहले हफ्ते में टेंपरेचर 34 डिग्री सेल्सियस रखना होता है. ताकि चूजों को ठंड न लगे और ठंड के चलते उनकी मौत न हो. इसी तरीके से दूसरे हफ्ते में 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस टेंपरेचर पर निर्भर करता है. इस वजह से सही टाइम पर सही टेंपरेचर रखना मुर्गियों की ग्रोथ के लिए अच्छा होता है. अगर ऐसा न किया जाए तो मुर्गियों में मृत्यु दर भी दिखाई दे सकता है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि इसलिए फार्म में टेंपरेचर सेट करना जरूरी होता है, लेकिन दिक्कत तब आती है जब पोल्ट्री फार्म बड़ा होता है और मुर्गियों की संख्या ज्यादा होती है. ऐसे में टेंपरेचर को मेंटेन करना मुश्किल होता है.
ब्रूडिंग भट्टी कह सकते हैं इसे
सोचिए किसी पोल्ट्री फार्म में 20 से 25 हजार मुर्गियां हैं तो उनकी ब्रूडिंग किस तरह करेंगे. हालांकि परेशान होने की जरूरत नहीं है, हम आपके यहां एक ऐसी ब्रूडिंग भट्टी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप 20 से 25 हजार मुर्गियों की ब्रूडिंग एक साथ कर लेंगे और इससे जितना चाहे उतना टेंपरेचर मेंटेन कर सकेंगे. ये ब्रूडर नहीं सुपर ब्रूडर है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. ये किसी भी इलेक्ट्रिक या गैस ब्रूडर से कहीं बेहतर काम करता है. जिससे मुर्गियों के फॉर्म में टेंपरेचर मेंटेन करने में पोल्ट्री फार्मर्स को मदद मिलती है. कई बड़े पोल्ट्री फार्मर इस तरह के ब्रूर्डर का इस्तेमाल करते हैं. ताकि मुर्गियों को उनकी जरूरत के मुताबिक माहौल दिया जा सके.
इस तरह काम करता है सुपर ब्रूडर
इस सुपर ब्रूडर में दो डक बनाई जाती है. एक बड़ी डक होती है और दूसरी छोटी. छोटी डक में एक हॉर्स पावर का पंखा लगाया जाता है. जो मुर्गियों की ब्रूडिंग के लिए गर्म हवा अंदर फेंकता है. बड़ी वाली डक में एक बड़ा पंखा लगाया गया है, इसमें दो हॉर्स पावर की मोटर लगाई गई है जो फार्म के अंदर से गर्म हवा को वापस अंदर खींचती है. जबकि भट्टी से ज्यादा गर्म करके छोटी डक के जरिए वापस फॉर्म के अंदर सप्लाई करती है. हवा गर्म करने का तरीका बेहद आसान है. इस भट्टी में टेंपरेचर बनाने के लिए कीकड़ की लकड़ियों का इस्तेमाल होता है. फार्म के अंदर एक कंट्रोल पैनल लगाया गया, जिसमें टेंपरेचर कम और ज्यादा करने का ऑप्शन पोल्ट्री फार्मर्स को मिलता है. कंट्रोल पैनल में एक सेंसर लगा हुआ है जो भी टेंपरेचर आप सेट करेंगे उसी हिसाब से भट्टी को यह कंट्रोल पैनल ऑटो कट कर देगा.
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