Home पोल्ट्री Poultry: पोल्ट्री सेक्टर के सामने है बर्ड की हैल्थ और प्रोडक्ट को बढ़ावा देने की बड़ी चुनौती
पोल्ट्री

Poultry: पोल्ट्री सेक्टर के सामने है बर्ड की हैल्थ और प्रोडक्ट को बढ़ावा देने की बड़ी चुनौती

पोल्ट्री को लेकर हुई अहम बैठक के बाद एक साथ नजर आए मेहमान.

नई दिल्ली. नई दिल्ली. पोल्ट्री सेक्टर की ग्रोथ में कई अड़चने हैं. इन रुकावटों को दूर करने के लिए पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े तमाम संगठन मजबूती के साथ काम कर रहे हैं और सरकार के साथ मिलकर चुनौतियां से निपटने की कोशिशें भी की जा रही हैं. वहीं पोल्ट्री सेक्टर की तमाम चुनौतियों और इसके विकास में एक रुख को अपनाते हुए आगे चलने को लेकर एक अहम बैठक का आयोजन किया गया. जहां पोल्ट्री बर्ड की हैल्थ और पोल्ट्री प्रोडक्ट को बढ़ावा देने का मुद्दा छाया रहा. एक्सपर्ट ने कहा कि पोल्ट्री सेक्टर के सामने है बर्ड की हैल्थ और प्रोडक्ट को बढ़ावा देना बड़ी चुनौती है. मुंबई में हुई इस बैठक में भारत के पोल्ट्री फेडरेशन आफ इंडिया (PFI), कंपाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CLFMA) और इंडियन फेडरेशन ऑफ एनिमल हैल्थ कंपनी (INFAH) के कार्यकारी सदस्यों ने हिस्सा लिया.

बैठक में पोल्ट्री क्षेत्र के विकसित होती स्थिति पर भी चर्चा हुई. इस बैठक में पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रनपाल ढांडा, उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता, ज्वाइंट सेक्रेटरी रिकी थापर, CLFMA के अध्यक्ष दिव्या कुमार गुलाटी और डॉ. विजय मखीजा और INFAH की जैविक और जैव सुरक्षा उप-समिति भी शामिल हुई. बैठक ने उद्योग की स्थिरता, पशु स्वास्थ्य और क्षेत्रीय विकास के लिए एकीकृत रुख की आवश्यकता सहित प्रमुख मुद्दों पर सभी ने विचार रखे और एक-दूसरे की बातों पर सहमति जताई.

एक बराबर फंड देने की वकालत की
बैठक में डॉ. विजय मखीजा ने पोल्ट्री बर्ड की हैल्थ में उभरती चुनौतियों पर महत्वपूर्ण तथ्य को साझा किया. जिसमें बीमारियों पर रोकथाम और नियंत्रण रणनीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने इन खतरों के प्रभाव को कम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ जैविक समाधानों और मजबूत जैव-सुरक्षा प्रथाओं तक पहुंच के महत्व को सबके सामने पेश किया. दिव्या कुमार गुलाटी ने एक सहयोगी रुख अपनाने की वकालत की. उन्होंने प्रस्ताव रखा कि सभी पोल्ट्री संघों को एक बराबर फंड में योगदान देने की योजना बनानी चाहिए. जिसका उद्देश्य पूरे देश में पोल्ट्री (चिकन और अंडे) के उपभोग को बढ़ावा देना है.

क्या बोले, पीएफआई के प्रेसिडेंट
उन्होंने आगे कहा कि सामूहिक सहमति यह थी कि इंटर-कनेक्टर समन्वय को मजबूत करने पर जोर दिया. साथ ही भारत में पोल्ट्री सेक्टर के उत्थान के लिए एकीकृत समाधान की दिशा में काम करने की वकालत की. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रनपाल ढांडा ने बैठक में कहा कि “पूरे सेक्टर को एकजुट होकर नीति स्तर पर सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है. ताकि पोल्ट्री सेक्टर की स्थायी स्थिरता और विकास सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने बैठक में उद्योग के रुझानों, रणनीतिक सहयोगों और पशु स्वास्थ्य क्षेत्र के भविष्य पर महत्वपूर्ण संवाद को बढ़ावा दिया.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry Farming: मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए ये 10 काम जरूर करें पोल्ट्री फार्मर

प्रभावी जैव सुरक्षा प्रणाली के तहत कुक्कुट फार्म में आने वाले, वाहनों,...