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Cow: मंत्री ने गाय को राजमाता का दर्जा देने की कि मांग, CM ने चिठ्ठी भेजी पशुपालन विभाग

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. राजस्थान में गाय को राजमाता का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर भाजपा और निर्दलीय विधायकों ने मुहिम छेड़ रखी है. इन विधायकों को राजस्थान सरकार की ओर से भरोसा दिया गया है कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गाय को राजमाता का दर्जा दिए जाने वाली फाइल पशु पालन विभाग को भेज दी है. कहा जा रहा है कि जल्द ही इस पर फैसला हो सकता है और गाय को राजस्थान में राजमाता का दर्जा मिल सकता है. इससे पहले मुख्यमंत्री ने पत्र लिखने वाले सभी विधायकों को चिट्ठी लिखकर आश्वासन दिया था कि सरकार इस बारे में परीक्षण करवा रही है जल्दी फैसला लेगी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, बीजेपी के मुख्य संचेतक जोगेश्वर गर्ग, निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, भाजपा विधायक गोपाल शर्मा और बाल मुकुंदाचार्य समेत 31 विधायकों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर गाय को राजमाता का दर्जा दिए जाने की मांग की है. बताते चलें कि इससे पहले विद्याधर नगर स्टेडियम में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गाय को राष्ट्रीय और राजमाता का दर्जा दिलाने के लिए गो ध्वज आंदोलन शुरू किया था.

महाराष्ट्र् से मंगाए गये नियम
अविमुक्तेश्वरानंद ने सभी विधायकों से मिलकर या अपील की थी कि वह इस संबंध में पत्र लिखें. इसके बाद विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखना शुरू किया. वहीं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत का कहना है कि महाराष्ट्र में ऐसा नियम है और उन नियमों का अध्ययन करने के लिए एक टीम बनाई जा रही है. जिसके बाद राजस्थान में भी गाय को राजमाता का दर्जा देने पर फैसला ले लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार से भी संपर्क किया गया है और वहां से नियम भी मंगवाए गए हैं. जोराराम का कहना है कि हमने अभी गायों को आवारा कहने पर भी पाबंदी लगा दी है. सरकार की ओर से संचालित नंदी गौशाला को 12 महीने का आर्थिक योगदान और बाकी के सभी गौशालाओं को 9 महीने का अर्थिंग योगदान भी राजस्थान सरकार दे रही है.

कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर कसा तंज
वहीं इस खबर के सामने आते ही कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट ने बीजेपी पर तंज किया है. उन्होंने कहा कि गाय और धर्म बीजेपी के लिए केवल वोट लेने का जरिया है. राजस्थान में गौशालाओं को अनुदान देने का काम कांग्रेस सरकार ने की शुरू किया था. उसके बाद से गायों के लिए राजस्थान में कोई काम नहीं हुआ है. कांग्रेस पार्टी की ओर से भी बयान सामने आया और सोशल मीडिया पर लिखा गया कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक बड़े गो तस्कर नाजीम खान को 2021 के करौली जिले में गो तस्करी के मामले में जमानत मिल गई. क्योंकि बीजेपी सरकार वकालतनामा ही सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं कर पाई.

राज्य में गायों को अवारा कहने पर पाबंदी
बताते चलें कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने 28 अक्टूबर को एक अहम फैसला लेते हुए कहा था कि राज्य में अब सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंशों को आवारा शब्द से संबोधित नहीं किया जाएगा. न ही किसी पत्र आदि में गोवंश को आवारा पशु लिखा जाएगा. इस फैसले को लेकर सरकार ने तर्क दिया है कि गोवंश के लिए अवारा शब्द का इस्तेमाल करना भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ है. इसलिए ऐसो शब्दों से खासकर गायों को तो न बुलाया जाए. इसके संबंध में प्रदेश के सभी डीएम को पत्र जारी कर दिया गया है कि किसी भी लेटर आदि में अब इस शब्द का इस्तेमाल न किया जाए. सरकार के इस फैसले के अगले ही दिन गाय को राजमाता का दर्ज दिये जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है.

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