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Animal Husbandry: पशुपालन के काम में जहां कमी नजर आई अफसरों को मंत्री ने कसे पेच

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वीडिया क्रॉन्फ्रेंसिंग से अधिकारियों से बाचतीत करते मंत्री जोराराम कुमावत.

नई दिल्ली. पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में मंगलवार को टोंक रोड स्थित आरएलडीबी सभागार में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में पशुपालन मंत्री कुमावत ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों की प्रगति, मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के संचालन, एफएमडी टीकाकरण की प्रगति और पशु गणना आदि की जिलेवार समीक्षा की और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधे जिलों के अधिकारियों से जानकारी ली. बैठक में शासन सचिव, पशुपालन और गोपालन डॉ समित शर्मा, पशुपालन निदेशक डॉ आनंद सेजरा, गोपालन निदेशक श्री प्रह्लाद सहाय नामा भी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा में अब तक 20 लाख से अधिक पशुओं का पंजीकरण हो चुका है और 80 हजार से अधिक पशुओं के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी हो चुके हैं. साथ ही 5 हजार से अधिक पशुओं की बीमा पॉलिसी भी जारी कर दी गई है. मंत्री कुमावत ने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए बीमा के काम में और गति लाने के निर्देश दिए. उन्होंने बचे रह गए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी जल्द जारी करने के निर्देश देते हुए दो महीने के अंदर सभी पशुओं की बीमा पॉलिसी जारी करने के निर्देश दिए.

एमवीयू के प्रचार के लिए घर-घर जानकारी पहुचाएं
बैठक में मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के प्रभावी संचालन पर चर्चा करते हुए कुमावत ने कहा कि मोबाइल वेटरिनरी यूनिट भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण योजना है. सरकार इस योजना पर काफी बजट खर्च कर रही है लेकिन अभी जो परिणाम मिलने चाहिए थे वे नहीं मिल रहे हैं. अभी क्षेत्र से शिकायतें आती हैं. उन्होंने जिला अधिकारियों से कहा कि अगर कोई समस्या है तो उसे निदेशालय को बताएं उसको हल करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने जिलों के संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिया कि एमवीयू का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कर घर घर तक इसकी जानकारी पहुचाएं और जिले के सभी गाड़ियों की मॉनिटरिंग जिम्मेदारी से करें. निर्धारित प्रपत्र में सभी सूचनाएं समय पर निदेशालय को भिजवाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि एमवीयू का लाभ अधिक से अधिक पशुओं और पशुपालकों तक पहुंचना चाहिए.

इस मसले पर नराज दिखे मंत्री
एफएमडी टीकाकरण की प्रगति पर चर्चा करते हुए उन्होंने टीकाकरण की व्यवस्था को भी और बेहतर तथा सुदृढ़ करने के निर्देश दिए जिससे समय रहते पशुओं को सभी जरूरी टीके लगाए जा सकें और उन्हें बीमारियों से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि 17 मई तक टीकाकरण की अवधि निर्धारित है और अभी तक मात्र 5 लाख पशुओं का ही इंद्राज पशुधन एप पर किया गया है जो कि बहुत ही असंतोषजनक है. उन्होंने सभी संभागीय अतिरिक्त निदेशक और जिला संयुक्त निदेशकों को माइक्रो लेवल प्लानिंग कर टीकाकरण के शत प्रतिशत लक्ष्य सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि भारत सरकार टीकाकरण की सीधी मॉनिटरिंग कर रही है.

पशु गणना के बारे में दिए निर्देश
21वीं पशु गणना के बारे में निर्देश देते हुए कुमावत ने कहा कि भारत सरकार दो बार इसकी डेट बढ़ा चुकी है. कुछ जिले अभी इसमें बहुत पिछड़े हुए हैं उन्हें जल्द से जल्द कार्य पूरा करने की जरूरत है. उन्होंने पशुगणना को 15 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे विभागीय योजनाएं बनाने में बहुत सहयोग मिलेगा. सीकर, झुंझुनू, जयपुर, सवाईमाधोपुर के नोडल अधिकारियों को पशुपालन मंत्री कुमावत और शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी. वर्ष 2024- 25 की बजट घोषणा में नवस्वीकृत/ क्रमोन्नत पशु चिकित्सा संस्थाओं के भवनों के लिए भूमि के पट्टों की उपलब्धता की प्रगति पर श्री कुमावत ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 500 नवीन उप केंद्रों में से मात्र 34 के लिए पट्टे प्राप्त हुए हैं जो कि बहुत खेदजनक स्थिति है. अधिकांश जिलों की प्रगति शून्य है.

गोशालाओं में कमिया दूर करे
कुमावत ने अपात्र गोशालाओं की कमियों को दूर कर उन्हें पात्र बनाने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसी गोशालाओं का मार्गदर्शन करें. उन्हें अनुदान के लिए पात्र बनने में उनकी सहायता करें. जिससे उन्हें सरकार से सहयोग मिल सके और गोशालाएं अच्छी तरह संचालित हो सकें. इससे न केवल गोशाला संचालकों को लाभ होगा बल्कि गौवंश को भी एक उपयुक्त आश्रय मिल सकेगा. उन्होंने सभी संयुक्त निदेशकों को गोशाला के बिलों को जल्द से जल्द तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए जिससे उन्हें समय पर अनुदान का भुगतान किया जा सके. उन्होंने गोशालाओं तक विभाग की सभी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के भी निर्देश दिए.

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