नई दिल्ली. पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय एवं केनाइन वेलफेयर सोसाइटी, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को कॉलेज परिसर में डॉग शो का आयोजन किया गया. डॉग शो में आईजी पुलिस, बीकानेर ओम प्रकाश मुख्य अतिथि और प्रो. एके गहलोत, पूर्व कुलपति, राजुवास अतिथि रहे.
डॉग प्रजनन व्यवसाय के रूप में उभरा
कार्यक्रम की अध्यक्षता, कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने की। पूर्व कुलपति प्रो. एके गहलोत ने कहा कि भारत में करीब 3 करोड़ से ज्यादा श्वान पालक हैं. कोरोना के बाद श्वान पालन में आमजन की रूचि बढ़ी है. डॉग प्रजनन वर्तमान समय में व्यवसाय के रूप में उभरा है जो कि डॉग ब्रीडर के लिए अच्छी आय का व्यवसाय है.
डॉग के स्वास्थ्य और खान-पान की देखरेख जरूरी
कुलपति प्रो. सतीश के गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय में डॉग शो का उद्देश्य आमजन, विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों एवं स्कूली विद्यार्थियों में श्वानों की विभिन्न नस्लों एवं स्वभाव की जानकारी पहुंचाना है. जहां आमजन में श्वान पालन में रूचि बढ़ी है वही श्वान एवं श्वान पालकों की सुरक्षा की जानकारी में बहुत अहम हो गई है. देश की सीमा सुरक्षा बल, सीआरपीएफ एवं अन्य सुरक्षा से जुड़े सरकारी महकमों में श्वान एक अभिन्न अंग बन गया है. अतः हमें श्वान के स्वास्थ्य, रखरखाव, खान-पान, आदि की संपूर्ण जानकारी आमजन तक पहुंचाना एवं उनमें श्वान पालन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना बहुत जरूरी है.
जर्मन शेफर्ड से लेकर लैब्राडोर तक रहे शामिल
अधिष्ठाता प्रो. एपी. सिंह ने सभी डॉग पालकों का स्वागत किया एवं बताया कि श्वान पालकों सहित बीकानेर के आमजन भी उत्साह पूर्वक डॉग के शामिल हुए. डॉग शो में बीकानेर वासियों को विन्न—विन्न प्रकार की श्वान प्रजातियों को एक साथ देखने का मौका मिला. ग्रेट डेन, सेंट बर्नार्ड, पिटबुल, जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, पग, डेसन्ड, चाऊ-चाऊ प्रजाति मुख्य आकर्षक रहे.श्वान पालकों को डॉग की विभिन्न प्रजातियों की विशेषताओं के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य प्रबन्धन पर भी जानकारी दी गई.
“पेट ग्रूमिंग” फोल्डर का विमोचन किया
प्रो. टीके. गहलोत, डॉ. एनके टीना, डॉ. जी चौपल और डॉ. भानु गौड ने प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका निभाई. अतिथियों ने इस अवसर पर “पेट ग्रूमिंग” फोल्डर का विमोचन भी किया. डॉग शो के आयोजन सचिव डॉ. जेपी. कच्छावा ने बताया कि डॉग शो में करीब 80 डॉग पालकों ने विभिन्न प्रतियोगिता हेतु रजिस्ट्रेशन करवाया. विभिन्न वेशभूषा एवं रंग बिरंगे श्रृंगार के साथ फैंसी ड्रेस कम्पीटीशन ने दर्शकों को मोहित किया. मिल्ट्री से ट्रेनिंग प्राप्त श्वानों हैरतगेंज करनामों और करतब दिखाए. श्वानो की बड़ी छोटी नस्लों में सर्वश्रेष्ठ नस्ल प्रतियोगिता, ऑबिडेंस कमांड, फैन्सी ड्रेस आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया गया. डॉ. अशोक गौड़ ने कार्यक्रम का संचालन किया. कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की प्रथम महिला मंजु गर्ग, निदेशक एन.आरसीसी, डॉ. ए साहू, डॉ. अनिल आहूजा, डॉ. आरके तंवर, डॉ. जेएस मेहता सहित विश्वविद्यालय के डीन-डारेक्टर, विद्यार्थी एवं बड़ी संख्या में श्वान प्रेमी उपस्थित रहे.
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