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Poultry Farming: यहां पढ़ें, मुर्गियों की आंत में होने वाली इस बीमारी के इलाज और कंट्रोल का तरीका

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नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग के दौरान पोल्ट्री कारोबारियों को मुर्गियों को कई बीमारियों से भी बचाना पड़ता है. अगर मुर्गियों को बीमारी से न बचाया जाए तो फिर प्रोडक्शन पर इसका असर पड़ता है. वहीं बीमारियां ज्यादा गंभीर रूप ले लें तो फिर मुर्गियों की जान चली जाती है. मुर्गियों अक्सर पांचनतंत्र में को प्रभावित करने वाली बीमारी हो जाती है. जिसे कॉक्सीडिओसिस नाम से जाना जाता है. दरअसल, इस बीमारी में आंत का इंफ्लार्मेशन होने के कारण मुर्गियों के झुंड ब झुंड प्रभावित होता है और इसके चलते उच्च मृत्यु दर दिखाई देती है. यानि मुर्गियों में मौत के मामले बहुत तेजी से बढ़ जाते हैं. इसके चलते कारोबार चौपट हो जाता है.

आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि कॉक्सीडिओसिस बीमारी का क्या उपचार है और इस बीमारी को किस तरह से नियंत्रण किया जाए ताकि इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सके. पूरा आर्टिकल गौर से पढ़ें और मुर्गियों को इस बीमारी से बचाने के तरीको को जानें.

उपचार क्या है कॉक्सीडिओसिस का

  • कॉक्सीडिओसिस को नियंत्रित करने के लिए किमोप्रोफाइलैक्सिस (रसायन औषधि रोग- निरोध) सबसे प्रभावी तरीका है.
  • सल्फामिथाज़ीन (सल्फाडिमिडीन) पानी में 2 दिनों के लिए 0.1 फीसदी की दर से और उसके बाद 0.05% के दर से 4 दिनों के लिए दिया जाना चाहिए.
  • सल्फाडिमिथोक्सिन 0.05% (पानी में) 5 दिनों के लिए, तत्पश्चात 6 दिनों की वापसी अवधि देना चाहिए.
  • अम्प्रोलीयम हाइड्रोक्लोराइड 0.012 -0.024% (पानी में) 1-2 सप्ताह के लिए देना चाहिए.
  • क्लोरटेट्रासाइक्लिन या ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन 0.02% 5 दिनों के लिए खा‌द्य में डालें और खाद्य में पर्याप्त कैल्शियम भी डालें.
  • क्लोपिडोल 0.0125-0.025% खादय के साथ एक दिन से लेकर वयस्क होने तक की आयु तक और इलाज के रूप में 2-4 दिनों के लिए 0.025-0.0375% उपचार के लिए दिया जाना चाहिए.
  • 3-50 डाइनट्रो-ओ-टूलामाइड 0.004-0.0125 खाद्य में डालें.
  • कोड्रिनल 4 ग्राम प्रति लीटर और 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में क्रमशः 2-4 दिन रोगक्षम हेतु और निवारण दोनों के लिए उपयोगी है.
  • हलोफुगिनोन कंपाउंड 0.0003% खाद्य में बिना वापसी समय के उपयोग करें। मोनेन्सिन सोडियम 0.012 खादय में बिना वापसी समय के उपयोग करें.
  • रोबेनिडाइन हाइड्रोक्लोराइड 0.0033% खाद्य में डालें और 5 दिनों का वापसी समय दें.
  • मदुरामाईसिन 0.0005-0, 0006% खाद्य में डालें और 5 दिनों का वापसी समय दें.
  • निकारबाज़ीन खाद्य में 0.0125% खाद्य में डालें.

कैसे किया जा सकता है कंट्रोल

  • स्वच्छता और बायो सेफ्टी के साथ-साथ खाद्य और पानी को दूषित होने से रोकने पर संक्रमण की घटना को रोका जा सकता है.
  • नियमित अंतरालों पर कूड़ा सूखा करने और कूड़े के कणों को चलाते रहने से ऊसाइट्स के इजाफे को रोका जा सकता है.
  • बारिश के मौसम में चूने का पाउडर कूड़े को सुखाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • पिंजरे में मुर्गी पालन करने से संक्रमण कम हो जाता है.
  • खाद्य में एंटीकॉक्सीडियल औषधि का उपयोग उप-नैदानिक संक्रमण के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा सकता है. हालांकि, हर 4-6 महीनों में एंटीकॉक्सीडियल औषधि चक्र के उपयोग से उनका प्रभावकारिता बनाए रखने में और सहायक प्रतिरोध के विकास पर रोक लगाने में सहायक होते हैं. बाजार में उपलब्ध टीके का उपयोग किया जा सकता है.

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