नई दिल्ली. पशुपालन में गाय हो या फिर भैंस उसकी ब्रीडिंग बहुत अहम है. इसलिए हर किसान को इन दोनों पशुओं की ब्रीडिंग की पूरी जानकारी होनी चाहिए. ताकि किसी भी तरह से इसका असर प्रोडक्शन पर न पड़े. एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं का ख्याल प्रजनन पीरियड में ज्यादा करना चाहिए. गाय और भैंसो का सबसे ज्यादा ब्याने का समय अगस्त-सितंबर ही रहता है. जबकि अभी अगस्त का महीना चल रहा है और सितंबर का शुरू होने वाला है. इसलिए इस महीने में कुछ ऐसी बातें, जिनका जानना पशुपालकों के लिए बेहद ही अहम है.
एक्सपर्ट का कहना है कि हमेशा इस बात का ध्यान दें कि अगर गाभिन पशु दूध दे रहा हो तो गर्भावस्था के 7वें महीने में उससे दूध लेना बंद कर दें. वहीं नमक 30 ग्राम गाभिन पशु को पीने के लिए 75-80 लीटर प्रतिदिन स्वच्छ व ताजा पानी देना बेहद जरूरी होता है. वहीं पशुओं के ब्याने के 4–5 दिन पहले उसे अन्य पशुओं से अलग दूसरे स्थान पर बांध देना चाहिए. वहीं इस बात का भी ख्याल रखें कि स्थान स्वच्छ, हवादार व रोशनी वाला होना चाहिए. इसके अलावा नीचे 11 प्वाइंट्स में जानते हैं क्या करना है क्या नहीं.
- सामान्य स्थिति एक देशी गाय लगभग दो वर्षों, देशी भैस लगभग तीन वर्षों तथा संकर गाय 15-18 माह में प्रजनन योग्य हो जाती है.
- पहली बार गर्मी आने पर गाय/भैंसों में 1-2 गर्मी छोड़कर गर्भित कराना चाहिए.
- हमारे देश में भैंस का गर्भधारण मौसमी होता है इसलिए इन्हें ज्यादातर बरसात के मौसम में गर्भित कराना ज्यादा उचित होता है.
- आमतौर पर गाय / भैंस हर 21वें (19-23) दिन गर्मी में आती हैं.
- गाय/भैंस को गर्मित कराने का सही समय गर्मी की मध्य अवस्था से लेकर गर्मी के देर की अवस्था (12-18 घंटे) होती है. इसलिए यदि गाय / भैंस शाम में गर्म होती है तो सुबह में गर्भित कराना चाहिए और यदि सुबह गर्म होती है तो शाम में गर्भित कराना चाहिए.
- गाय/भैंस को कृत्रिम गर्भाधान विधि से गर्मित कराना अधिक फायदेमंद होता है.
- प्राकृतिक रूप से गर्भाधान कराने की स्थिति में अच्छे नस्ल एवं स्वस्थ सांड / भैंसा का चुनाव करना चाहिए.
- एक बछड़ा से दूसरे बछड़ा के जन्म के बीच 12-13 महीने का अंतराल उत्तम होता है. आमतौर पर बच्चा देने के लगभग तीन माह बाद गर्भाधान कराना उचित होता है.
- गर्म गाय/भैंस को पानी से नहलाने के बाद गर्मित कराना चाहिए तथा गर्भित कराने के पश्चात् पुनः नहलाने से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं.
- पशु समय से गर्भित हो इसके लिए आवश्यक है कि उसे पौष्टिक संतुलित पशुआहार तथा खनिज मिश्रण एवं नमक दिया जाए. समय-समय पर पशु चिकित्सक की सलाह से कृमिनाशक दवा का प्रयोग आवश्यक है.
- गाय में गर्भाधान अवस्था लगभग 280 दिन तथा भैंस में लगभग 310 दिन का होता है.
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