Home पशुपालन Goat Farming: इन 11 प्वाइंट को पढ़कर जानें बकरी पालन करना क्यों है ज्यादा फायदेमंद
पशुपालन

Goat Farming: इन 11 प्वाइंट को पढ़कर जानें बकरी पालन करना क्यों है ज्यादा फायदेमंद

तोतापरी की बकरी के पालन में बहुत ही कम लागत आती है. तोतापुरी या तोतापरी बकरी कम लागत में पालकर मोटी कमाई की जा सकती है.
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. बकरी पालन से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि देश में बकरी पालन अब बहुत से लोग कर रहे हैं. कभी बकरियो को गरीबों की गाय कहा जाता था लेकिन अब इस व्यापार को बड़े स्तर पर किया जा रहा है. इसमें लाखों में कमाई की जा रही है. अगर किसान किसी भी कारण से खेती में कामयाब नहीं होते हैं तो इस स्थिति में पशु पालन द्वारा इनकम हासिल कर सकते हैं. पशुपालन में बकरी पालन की अहम् भूमिका हो सकती है भारत व एशिया के अनेक देशों में सीमान्त एवं छोटी नस्लों की बकरियों खूब मुनाफा कराती हैं.

इसके अलावा ग्रामीण निर्धनों का एक बड़ा भाग वेस्टइन्डीज, वैनेजुला, मैक्सिको, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल और भारत जैसे देशों में अपनी जिंदगी जीने के लिए कृषि और पशु-चराता है. ऐसे लो अगर बकरियों में निवेश करें तो उन्हें ज्यादा सफलता मिल सकती है. वहं इमरजेंसी में बकरियों को बेचकर भी कमाई की जासकती है. वहीं इसे हासिल होे वाली खाद एशिया के लगभग सभी विकासशील देशों में जमीन की उर्वरकता बनाये रखने में योगदान दे रही है. ये कहा जा सकता है कि अन्य पशुओं की तुलना में बकरी पालन ज्यादा फायदेमंद है.

क्या-क्या फायदा है बकरी पलने में

  1. एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी पालन को कम पूंजी की जरूरत होती है. इसे कुछ हजार रुपये में ही शुरू किया जा सकता है
  2. बकरी पालन की ये खूबी है कि से रखने के लिए कम स्थान की आवश्यकता होती है और छत पर भी इसे पाला जा कता है.
  3. बकरियों को कम मात्रा में दाने-चारे की आवश्यकता होती है. इसे चाराकर भी पाला जा सकता है.
  4. बकरी का एक अहम गुण होता है. बकरी के अंदर जल्दी प्रजनन शुरू करने की क्वालिटी होती है.
  5. इस जानवर की ये भी खासियत है कि हर ब्यात में औसतन एक से अधिक बच्चे देती है.
  6. इसे रखने के लिए आवास की विशेष सुविधा की आवश्यकता नहीं होती है.
  7. बकरी को आप चाहें तो कम गुणवत्ता वाले चारे भी दे सकते हैं. बकरी कम क्वालिटी वाले चारे को आसानी से पचा लेती है.
  8. सभी तरह की जलवायु में आसानी से खुद को ढाल देती है.
  9. इस जानवर को कहीं भी आसानी से बेच सकते हैं और आसानी से इसे खरीदा भी जा सकता है.
  10. बकरी के मांस की अधिक मांग होती है और ये ज्यादा महंगा भी बिकता है.
  11. इसके पालने में कम जोखिम होता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

जैसे बच्चा बाहर आ जाए, उसे पशु को चाटने देना चाहिए. जिससे उसके शरीर में लगा श्लेषमा सूख जाए. जरूरत हो तो साफ नरम तौलिया से बच्चे को साफ कर दीजिए.
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्भ के समय कैसे करें पशुओं की देखभाल, जानिए एक्सपर्ट के टिप्स

जैसे बच्चा बाहर आ जाए, उसे पशु को चाटने देना चाहिए. जिससे...

सफेद कोट का रंग होता है. नर में चेहरे, गर्दन और पिछले पैरों पर लंबे बालों का गुच्छा होता है.
पशुपालन

Assam Hill Goat: असम की पहचान है ये पहाड़ी बकरी, जानिए इसकी खासियत और ये जरूरी बात

सफेद कोट का रंग होता है. नर में चेहरे, गर्दन और पिछले...

गंभीर दस्त से पीड़ित भैंस को अक्सर अंत शीला पोषण की आवश्यकता होती है. किसी अन्य जानवर के रुमेन ट्रांसपोर्टेशन उन जानवरों के लिए सहायक हो सकता है जिन्हें खाना नहीं दिया गया है. या जो अनाज की अधिकता जैसे विशाल अपमान का सामना कर रहे हैं.
पशुपालनसरकारी स्की‍म

Green Fodder: यूपी में पशुओं के लिए चारा उत्पादन बढ़ाने को सरकार चला रही है ये योजना

जो खेती योग्य भूमियों से भिन्न प्रकार की भूमियों में जैसे बंजर...