नई दिल्ली. मुर्गी पालन एक बेहतरीन बिजनेस है और इससे अच्छी खासी कमाई की जा सकती है. यही वजह है कि बहुत से किसान इसकी ओर रुख कर रहे हैं और उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है. हालांकि मुर्गियों के बीमार पड़ने से कई बार इस कारोबार में नुकसान भी उठाना पड़ता है. इससे बचाने के लिए मुर्गियों को वैक्सीन लगाई जाती है. अगर समय पर वैक्सीन की डोज मुर्गियों को दे दी जाए तो फिर बीमारी से बचाया जा सकता है. इससे मुर्गियों की मौत नहीं होती है और इस व्यापार में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा भी होता है.
आपको बता दें कि मुर्गियों को खासतौर पर लेयर मुर्गियों को पहले दिन से लेकर 22 सप्ताह तक टीका लगाया जाता है. वैक्सीनेशन के लिए पहले दिन मेरेक्स बीमारी की वैक्सीन लगती है. इसके डोज की बात करें तो 0.2 मिली गर्दन की खाल में लगाई जाती है. इसकी कीमत 350 से 1000 तक होती है.
यहां पढ़ें वैक्सीनेशन प्रोग्राम
वहीं पांचवे से सातवें दिन रानीखेत बीमारी के लिए लेंटोजेनिक लासोटा b1 एक स्ट्रेन का एक ड्रॉप नाक और आंख में दिया जाता है. 50 से 65 रुपये की कीमत होती है.
14वें दिन संक्रामक बर्सा रोग के लिए एक ड्रॉप नाक और आंख में डाला जाता है. 220 रुपये से 1000 रुपये तक इसकी कीमत है.
28वें दिन रानीखेत के लिए फिर से बूस्टर डोज लगाया जाता है. एक ड्रॉप नाक और आंख में दिया जाता है. 65 से 1000 रुपये की कीमत है.
30वें दिन संक्रमण ब्रोंकाइटिस रोग के लिए पानी में मिलाकर दवा दी जाती है. 150 से 1000 तक इसकी कीमत है.
35वें दिन संक्रामक बर्सा के लिए बूस्टर ड्रॉप नाक और आंख में डाला जाता है. 220 से 1000 रुपये इसकी भी कीमत है.
42वें दिन मुर्गी में चेचक रोग के लिए पंख में सुई द्वारा वैक्सीन लगाई जाती है. 140 से 1000 में इसकी भी कीमत है.
वहीं 56वें दिन रानीखेत रोग का एक और टीका लगाया जाता है. 5 मिलीलीटर मांसपेशियों में लगता है. 140 रुपये से 1000 की कीमत है.
8 सप्ताह पर संक्रामक ब्रोंकाइटिस रोग के लिए पानी में मिलाकर दिया जाता है. 150 रुपये से 1000 रुपये की कीमत है.
16 से 18 सप्ताह पर संक्रामक ब्रोंकाइटिस रोग के लिए पानी में मिलाकर देते हैं. 150 से 1000 रुपये कीमत है.
18 से 20 सप्ताह के लिए संक्रामक बर्सा रोग के लिए टीका लगाया जाता है. जीरो से 5 मिली मीटर मांसपेशियों में लगाया जाता है. 1000 से 2000 रुपये इसकी की कीमत है.
20 से 22 सप्ताह के बीच रानीखेत रोग के लिए 5 मिली लीटर मांसपेशियों में लगाया जाता है. 800 रुपये से एक 800 रुपये इसकी कीमत है. हर तीन महीने पर रानी खेत का टीका लगता है.
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