नई दिल्ली. किसानों की इनकम को डबल करने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. किसान कृषि के अलावा पशुपालन भी करें. इसके लिए उन्हें लोन दिया जा रहा है लोन पर सब्सिडी दी जा रही है. पशुपालन करने के लिए किसानों को शेड बनाने में भी मदद दी जा रही है. वही मध्य प्रदेश सरकार भी राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दूध उत्पादन करने वाले पशुपालक भाइयों को बोनस देने का भी प्लान सरकार का है. इसको लेकर योजना तैयार की जा रही है.
वहीं प्रदेश में गायों की संरक्षण को लेकर भी काऊ सेंक्चुरी बनाने को लेकर काम किया जा रहा है. गायों की कई देसी नस्लों को सशक्त बनाने के मकसद से राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत सरकार काम कर रही है. मध्य प्रदेश में पशुपालन में ज्यादा से ज्यादा किसान आगे आएं इसको लेकर सरकार इस तरह की योजनाओं पर काम कर रही है. इस आर्टिकल में पशुपालन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कुछ कामों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसका फायदा कहीं न कहीं आम किसानों को भी मिलने वाला है.
25 हजार गायों को मिलेगा उनका घर
प्रदेश सरकार पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ-अभ्यारण्य यानि काऊ सेंक्चुरी बनाने का कार्य कर रही है. पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि इससे हमारी गौ-माता सुरक्षित रहेंगी. साथ ही हर एक विकासखंड में दो-दो पशु एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे बीमार पशुओं को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सकेगी. जब पशु बीमार नहीं होंगे तो इससे उत्पादन भी बेहतर मिलेगा और फायदा ज्यादा होगा. वहीं डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने भी कहा था कि प्रदेश सरकार द्वारा पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ-अभ्यारण्य काऊ सेंक्चुरी बनाने का कार्य किया जा रहा है, रीवा में 10 हजार गौ-माताओं को सुरक्षित रखने के लिए गौ-अभ्यारण्य शुरु किया है. अब 25 हजार गौ-माताओं को सुरक्षित रखने के लिए गौ-अभ्यारण्य तैयार किया जा रहा है. गौ-माता का गोबर, गौमूत्र, दूध सभी पूजा में उपयोगी होता है, हमें गौ माता को संरक्षित करने का संकल्प लेना होगा.
दूध उत्पादन बढ़ाने पर मिलेगा बोनस
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने और किसानों को लाभ दिलाने के लिए हमारी सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा था कि 20 फीसदी तक दूध प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है. साथ ही दुग्ध उत्पादक गौ-पालकों को बोनस भी प्रदान किया जाएगा. ताकि दूध उत्पादन को लेकर गाय पालकों में दिलचस्पी बढ़े. वहीं सरकार राष्ट्रीय गोकुल मिशन समृद्ध नस्लों को सशक्त बनाने का भी काम कर रही है. इसके लिए गिर, साहीवाल, राठी, देवनी, थारपारकर, लाल सिंधी जैसी विशिष्ट स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके साधारण मवेशियों को उन्नत करना का काम किया जा रहा है. जबकि प्राकृतिक सेवा के लिए रोगमुक्त उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों का वितरण किया जाएगा.
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