नई दिल्ली. यहां-वहां बेसहारा घूम रहे गोवंशों की वजह से कई तरह की दिक्कत हो जाती हैं. इससे किसानों की फसल खराब होती है, वहीं कई बार रोड एक्सीडेंट के मामले भी सामने आते हैं. जिसमें गोवंश बुरी तरह से जख्मी हो जाते हैं. उनकी दर्दनाक मौत भी हो जाती है. इसको लेकर अलग-अलग राज्यों की सरकारें गंभीरता से काम कर रही हैं. राजस्थान में भी गौशाला खोलने के लिए गोपालन विभाग द्वारा आर्थिक मदद की जा रही है. सरकार की तरफ से पट्टे पर गौशाला निर्माण के लिए जमीन की व्यवस्था भी की जा रही है. अगर कोई संस्था गौशाला चला रही है तो सरकार की इस योजना से उसे मदद मिल सकती है. हालांकि इसके कुछ नियम और शर्तें भी जरूर हैं, जिनका पूरा करना जरूरी है.
सबसे पहले तो यह जान लें कि गोपालन विभाग द्वारा गौशाला को 90 फीसदी तक आर्थिक सहायता दी जाएगी. बाकी 10 फीसदी खर्च गौशाला द्वारा खुद उठाना पड़ेगा. गोपालन विभाग द्वारा गौ संरक्षण और संवर्धन निधि के तहत गौशाला का स्थाई आधारभूत संरचना निर्माण के लिए आर्थिक मदद की जाएगी. वहीं इस आर्थिक मदद से गौशाला में कई काम किए जा सकते हैं. आइए योजना के बारे मं जानते हैं.
इन शर्तों को गौर से पढ़ें
बता दें कि इस योजना के तहत पात्र गौशालाओं को लंबी अवधि के पट्टे पर जमीन दी जाती है. इस योजना की शुरुआत साल 2019 में पशुपालन विभाग की ओर से की गई थी. योजना का मकसद गौशाला को स्थाई बुनियादी ढांचा मुखिया कराना है. इस योजना का फायदा लेने के लिए गौशाला में पिछले दो सालों में लगातार कम से कम 100 मवेशी होने चाहिए और इसकी जानकारी विभाग को देनी होगी. अगर इससे कम मवेशी हैं तो फिर योजना का फायदा नहीं मिलेगा. वहीं योजना का फायदा पाने के लिए गौशाला में वित्तीय अनियमितता नहीं होनी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो योजना फायदा नहीं मिल सकेगा. योजना के तहत स्वीकृत राशि का इस्तेमाल चारा पानी हो पशु आहार पर किया जाना है.
किसे दी जाएगी वरीयता
इस योजना के तहत अगर किसी संस्था ने पहले से किसी राजकीय अनुदान या सरकारी आर्थिक सहायता नहीं ली है तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि ऐसी संस्थाएं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनको चयन में प्राथमिकता दी जाती है. इसके अलावा ऐसी संस्थाएं जो गोवंश से हासिल प्रोडक्ट को बेचने से खुद मजबूत हुई हैं उन्हें भी इसके तहत मदद दी जाएगी, वहीं ऐसी संस्थाओं को प्राथमिकता भी दी जाएगी. योजना के तहत हासिल रकम से गौशाला में पानी की व्यवस्था की जाएगी. पानी की टंकी आदि लगाई जाएगी. गौशाला में खडंजा निर्माण भी कराया जा सकता है. वहीं. गोपालक आवास का भी निर्माण हो सकता है.
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