नई दिल्ली. मछली पालन में जितना जरूरी मछली को तालाब या टैंक में पलना है, उतना ही जरूरी समय से मछली को ग्राहकों तक पहुंचाना भी होता है. कई बार ऐसा होता है कि मछलियां लंबे परिवहन के चलते खराब हो जाती हैं. उनमें सड़न आ जाती है. इसका मतलब ये है कि फिर ये मछलियां खाने योग्य नहीं रह जाती हैं. इसके चलते मछली पालक को नुकसान होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए इंसुलेटेड ट्रक, ऑटो रिक्शा आइस बॉक्स और बाइक आइस बॉक्स जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. जिनका इस्तेमाल करके मछलियों को तरोताजा एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा जा सकता है.
बात की जाए इंसुलेटेड ट्रक की तो इसमें भारी मात्रा में मछलियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है. वहीं एक शहर से दूसरे शहर और एक राज्य से दूसरे राज्य भी ले जाया जा सकता है. जबकि ऑटो रिक्शा और बाइक आइस बॉक्स का इस्तेमाल आसपास के बाजार में मछली पहुंचने के लिए किया जाता है. क्या आपको पता है कि सरकार इन तीनों चीजों के लिए आर्थिक मदद भी करती है. जी हां, अगर आप इस तरह के काम को करना चाहते हैं तो सरकार से आर्थिक मदद लेकर इस काम को शुरू कर सकते हैं. इससे आपको फिशरीज में कमाई का एक मौका मिल जाएगा.
फिशरीज में इंसुलेटेड ट्रक का करें इस्तेमाल
फिश फार्मिंग में इंसुलेटेड का इस्तेमाल करके भारी मात्रा में मछली को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सकता है. इसके लिए सरकार ने 20 लाख रुपए कीमत तय की है. इस यूनिट को लगाने के लिए सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत यानि 8 लाख रुपए और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग व सभी महिलाओं व सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत यानि 12 लाख रुपए सरकार की ओर से बतौर सब्सिडी मिलेगी.
ऑटो रिक्शा आइस बॉक्स खरीदने के लिए मिलेगी आर्थिक मदद
वहीं सरकार की ओर से ऑटोरिक्शा आइस बॉक्स खरीदने के लिए भी मदद की जा रही है. इसके लिए सरकार ने एक यूनिट की कीमत 3 लाख रुपए तय की है. अगर आप इसे लेते हैं तो सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत 1 लाख 20 हजार रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी. जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग और सभी महिलाओं व सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत यानि 1 लाख 80 हजार रुपए की मदद सरकार देगी.
बाइक आइस बॉक्स के लिए कितनी मिलेगी रकम
वहीं बाइक आइस बॉक्स के लिए भी सरकार आपको मदद दे रही है. इसकी लागत 75
हजार रुपए सरकार ने तय की है. प्रति मोटर साईकिल इकाई लागत पर सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत यानि 30 हजार रुपए और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग और सभी महिलाओं व सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत यानि 45 हजार रुपए की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी.
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