नई दिल्ली. गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने साबरमती आश्रम गौशाला के सीमेन स्टेशन का दौरा किया, जो दुनिया का सबसे बड़ा और एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज द्वारा प्रबंधित है. इस दौरान उन्होंने सीमेन स्टेशन के बारे में जाना. वहीं एनडीडीबी की ओर से दी गई प्रेजेंटेशन में राज्यपाल को ये बताया कि एनडीडीबी की बेहतरीन पहल से पशुपालन में आईवीएफ की लागत बहुत कम हुई है. इससे किसानों को फायदा हुआ है. इससे पहले एनडीडीबी की पहल को सराहा भी. प्रेजेंटेशन एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश सी शाह ने माननीय राज्यपाल का स्वागत किया और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एक प्रेजेंटेशन दिया.
एनडीडीबी की ओर से दी गई प्रेजेंटेशन में देशी गायों का संवर्धन और विकास, उच्च गुणवत्ता वाले बैलों का जीनोमिक आधारित चयन, आईवीएफ-ईटी के माध्यम से उत्कृष्ट गायों का प्रजनन, राशन संतुलन, बछिया पालन, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से अन्य कार्यक्रम पर डिटेल से जानकारी दी गई.
जानें राज्यपाल ने क्या-क्या कहा
वहीं राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अल्ट्रा मार्डन सीमेन स्टेशन और बैल केंद्र का दौरा किया, जिसमें 16 विभिन्न नस्लों के 600 से अधिक प्रजनन बैल हैं. उन्होंने एनडीडीबी द्वारा विकसित स्वदेशी सेक्स सॉर्टिंग सीमेन गौसॉर्ट के उत्पादन की सुविधा का भी निरीक्षण किया जिसमें सीमेन 800 से लेकर लगभग 250 रुपए तक में उपलब्ध है. राज्यपाल देवव्रत ने बायोगैस प्लांटो से हासिल घोल पर “जीवामृत” के उपयोग पर जोर दिया ताकि सूक्ष्मजीवों की संख्या और वृद्धि दर को बढ़ाया जा सके, जिससे खाद की प्रभावशीलता बढ़े और किसानों की आय बढ़े.
राज्यपाल ने की सराहना
उन्होंने एनडीडीबी की खाद प्रबंधन पहल की सराहना की, जो न केवल किसानों को फायदा करती है. बल्कि टिकाऊ खेती के तरीकों को भी बढ़ावा देती है. डॉ. शाह की प्रेजेंटेशन ने भारतीय डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एनडीडीबी द्वारा किए गए पशु प्रजनन, पोषण और स्वास्थ्य पहलों के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया. उन्होंने स्थिरता के लिए बोर्ड की अटूट प्रतिबद्धता और ऊर्जा उत्पादन और उर्वरक उत्पादन के लिए बायोगैस उत्पादन और खाद प्रबंधन में एनडीडीबी के चल रहे प्रयासों के बारे में भी राज्यपाल को जानकारी दी.
आनुवांशिक सुधार पर दिया जोर
इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि एनडीडीबी द्वारा विकसित स्वदेशी आईवीएफ मीडिया, “षष्ठी” ने आईवीएफ की लागत को काफी कम कर दिया है, जिससे यह स्वदेशी गोजातीय नस्लों को पालने वाले किसानों के लिए तेजी से सुलभ हो गया है. राज्यपाल ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बहुआयामी कार्यक्रमों की सराहना की. जिनका उद्देश्य स्वदेशी नस्लों का विकास, जीनोमिक आधारित बैल चयन और किसानों की आय में ग्रोथ करना है. उन्होंने एसएजी, बिदाज के अमूल्य योगदान को भी स्वीकार किया और देश के आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.
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