Home पशुपालन Sheep Farming: ऊन और दूध प्रोडक्शन के लिए फेमस है भेड़ की ये नस्ल, पालकर आपकी कमाई होगी डबल
पशुपालन

Sheep Farming: ऊन और दूध प्रोडक्शन के लिए फेमस है भेड़ की ये नस्ल, पालकर आपकी कमाई होगी डबल

live stock animal news. Bakrid, muzaffarnagari sheep, Goat Breed, Goat Rearing, Sirohi,
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. भेड़ पालन करके भी किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. कृषि के बाद यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां किसानों को मोटी कमाई हो सकती है. देश में किसान अच्छी कमाई के लिए पशुपालन में हाथ आजमा रहे हैं. खेती के साथ-साथ पशुपालन करने से किसानों को दोहरा फायदा हो रहा है. एक तो उन्हें अपने खेत के लिए खाद मिल जाती है, साथ में पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध रहता है. भेड़ पालन दूध उन और मांस के लिए होता है ग्रामीण इलाकों में खासकर पहाड़ी इलाकों में भेड़ पालन करने में बहुत फायदा होता है.

पहाड़ी इलाकों में भेड़ पालन बड़े स्तर पर होता है. क्योंकि क्षेत्र में भेड़ को चराने के लिए अच्छी जगह मिल जाती है. भेड़ पालन में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए अच्छी नस्लों के बारे में जानना जानकारी होना जरूरी है. ताकि पशुपालक को अच्छी मात्रा में ऊन, दूध में और मांस मिल सके. वैसे तो भारत में जातियां हैं लेकिन तीन प्रमुख प्रजातियां के बारे में यहां आपको जानकारी दी जा रही है. जिससे आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.

काफी लोकप्रिय है मेयनी नस्ल की भेड़: मेयनी भेड़ की एक ऐसी प्रजाति है जो ऊन उत्पादन के लिए जानी जाती है. इस नस्ल की भेड़ से ऊन उत्पादन ज्यादा होता है और भेड़ की इस प्रजाति का वजन 55 से 60 किलोग्राम होता है. भेड़ से उन्नत किस्म का ऊन तो मिलता ही है इसकी बालों को अच्छी कीमत भी मिलती है. इसका रंग भूरा होता है. इसकी ऊंचाई 60 से 70 सेंटीमीटर की बीच होती है. इस नस्ल को अन्नदाता भेड़ भी कहा जाता है. भेड़ की इस प्रजाति का पालन मुख्य रूप से गुजरात में किया जाता है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में भी बड़े पैमाने पर इसका पालन होता है. दूध के लिए बिजनेस से भी ये भेड़ काफी लोकप्रिय मानी जाती है.

पहाड़ी इलाकों में पाली जाती हैं भेड़: अगर किसान इस नस्ल की भेड़ को पलते हैं तो उससे अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. बता दें कि गुजरात के बाद पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में किसान इस भेड़ के पालन को बड़े स्तर पर करते हैं. इन किसानों को दूध से भी कमाई होती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इस भेड़ के साथ एक खासियत यह भी है कि वह ऐसी चारागाह चरती है, जहां पर किसी अन्य पशुओं का चढ़ना मुश्किल होता है. इसलिए पहाड़ी इलाकों में ये भेड़ खूब पाली जाती है. इसलिए भेड़ के खान-पान पर ज्यादा खर्चा नहीं होता और वह ज्यादा फायदा भी देती हैं. इसलिए भी भेड़ पालन किसानों के लिए फायदेमंद है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Animal Husbandry: Milk animals can become sick in extreme cold, adopt these methods to protect them from diseases.
पशुपालन

Animal News: पशुओं को कितने दिनों तक अलग रखना चाहिए, यहां पढ़ें क्वारेंटाइन के नियम क्या हैं

प्राथमिक क्वारेंटाइन इकाई में अलगाव शेड में रखा जाना चाहिए. मादा पर...

exotic cow breeds in india
पशुपालन

Animal Husbandry News: डेयरी पशुओं में बांझपन के क्या हैं लक्षण, इसके बारे में जानें यहां

पशुओं में बांझपन आ जाता है. क्योंकि जो पोषक तत्व हम अपने...

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: अलग-अलग फार्म से खरीदें पशु या फिर एक जगह से, जानें यहां

फार्मों में अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए संक्रमण के प्रवेश...