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Sheep Farming: राजस्थान में पेस्टीसाइड वाला चारा खाने से भेड़ों की मौत, डॉक्टरों ने जारी की ये चेतावनी

coyambattur sheep breed
कोयंबटूर नस्ल की भेड़ की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. अभी राजस्थान के जैसलमेर में कर्रा बीमारी ने कहर बरपाया था और 1500 से ज्यादा दुधारू पशुओं की जान ले ली. वहीं राजस्थान के एक अन्य इलाके पोकरण में भी पशुओं की मौत का मामला सामने आया है. यहां पर पेस्टीसाइड की दवा मिला चारा खाने की वजह से कई भेड़ों की मौत हो गई है. जबकि कई की गंभीर रूप से बीमार हैं. बीमार भेड़ों का इलाज किया जा रहा है. जिस किसान की भेड़ों की मौत हुई है, उसका बहुत नुकसान हुआ है और वो सदमे में है. वहीं जो पशु चिकित्सक भेड़ों का इलाज कर रहे हैं उनका कहना है कि पेस्टीसाइड वाला चारा खिलाना खतरनाक है.

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पोकरण क्षेत्र के भणियाणा में रविवार को पेस्टीसाइड दवा वाला चारा कई भेड़ों के आगे परोसा गया था. जिसके खाने से भेड़ें बीमार हो गईं और उनकी मौत होने लगी. जबकि अभी कई बीमार हैं. भणियाणा के पास चेनपुरा गांव के निवासी किसान हरुराम चौधरी ने बताया कि उन्होंने भेड़ों को जब चारा खिलाया, उसके बाद उनकी भेड़ एक-एक करके बीमारी होने लगीं. वो कुछ समझ नहीं पाए और फिर पशु चिकित्सक से संपर्क किया. जब तक चिकित्सक आते 9 भेड़ की मौत हो गई थी.

जांच के बाद किसानों से की ये अपील
किसान हरूराम ने भेड़ की मौत और बीमार होने पर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हंसाराम चौधरी को सूचना दी गई थी. जिसके बाद वो टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे. इस दौरान सबसे पहले उन्होंने मृत भेड़ों की जांच की. उन्होंने बताया कि भेड़ों को पेस्टीसाइड दवा युक्त चारा खिलाना ही मौत की वजह है. पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हंसाराम चौधरी ने सभी पशुपालकों से कहा है कि पेस्टीसाइड दवा के छिड़काव वाला चारा पशुओं को कतई न खिलाएं. ये भेड़ों के हर तरह से नुकसानदेह है.

डॉक्टरों की टीम कर रही है उपचार
वहीं डॉक्टरों की टीम द्वारा बीमार भेड़ों का भी उपचार किया जा रहा है. किसान हरुराम ने बताया की भणियाणा क्षेत्र में सूखे चारे के अभाव में पशुपालकों को मजबूरी में ट्यूबवेलो पेस्टीसाइड के छिड़काव वाला चारा ख़रीद खरीदकर खिलाना पड़ रहा है. उन्हें क्या पता था कि ये भेड़ों के लिए काल बन जाएगा. उन्होंने कहा कि भेड़ों की मौत की वजह से उनका बड़ा नुकसान हुआ है. किसान अपनी बीमार भेड़ों को लेकर भी चिंता में हैं कि कहीं वो भी न मर जाएं. अगर ऐसा होता है और ज्यादा नुकसान होगा.

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