नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में डेयरी के बुनियदी ढांचे और इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शेम इंडिया ने 73 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए जम्मू-कश्मीर डेयरी सहकारी संघ और कृषि सहकारी समितियों (एफपीओ) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस एमओयू यानी समझौते पर हस्ताक्षर जम्मू—कश्मीर डेयरी कॉप फेडरेशन लिमिटेड (जेकेडीसीएफ) के अध्यक्ष विक्रांत डोगरा और यूएनएटीआई मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव और स्कीम इंडिया के निखिल गौड़ा केदामबाड़ी ने किए हैं. इस निवेश से वहां के डेयरी बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने में मजबूती मिलेगी.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में डेयरी के बुनियदी ढांचे और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शेम इंडिया ने 73 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए जम्मू-कश्मीर डेयरी सहकारी संघ और कृषि सहकारी समितियों (एफपीओ) के साथ एक समझौता किया है.
डेयरी सहकारी क्षेत्र में स्टार्टअप को अनुकून माहौल बनाना
इस बारे में एक अधिकारी बताया कि इस समझौते पर हस्ताक्षर करके जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में डेयरी के बुनियादी ढांचे और उद्यमिता के क्षेत्र में क्रांति लाना, डेयरी सहकारी क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए अनुकून माहौल को बढ़ावा देना है. यूएनएटीआई मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव और स्कीम इंडिया के निखिल गौड़ा केदामबाड़ी ने हाल ही में जम्मू में आयोजित स्टार्टअप कॉन्क्लेव उहे कील अहमियत पर प्रकाश डाला, जिसके बाद इस समझौते का मार्ग प्रशस्त हुआ.उन्होंने इस इस एमओयू के महत्व के बारे में बताया कि “ यह समझौता डेयरी सहकारी क्षेत्र और एफपीओ पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को पहचानते हुए किया गया है, जो पिछले 2-3 वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में काफी बढ़ा है.”
ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान देना मकसद
जेकेडीसीएफ के अध्यक्ष विक्रांत डोगरा ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर करने का मकसद सहकारी समितियों (एफपीओ) में समानता लाना, उन्हें खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाना और केंद्र शासित राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में योगदान देना है. उन्होंने कहा, “एमओयू बारामूला-कुपवाड़ा, राजौरी-पुंछ, रियासी-उधमपुर, किश्तवाड़-डोडा और अन्य सुदूर के स्थानों में डेयरी स्टार्ट-अप बनाने के अवसरों का पता लगाएगा और केंद्र शासित प्रदेश के ग्रामीण हिस्सों में स्टार्टअप कल्चर को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा.”
आधुनिक तकनीक पर जोर
विक्रांत डोगरा ने आगे कहा कि इस निवेश का इस्तेमाल सहकारी समितियों (एफपीओ) की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीनहाउस खेती, ड्रोन प्रौद्योगिकी और समाधान पेश करके खेती के पारंपरिक तरीकों से स्मार्ट खेती में बदलने के लिए परियोजना बनाने के लिए किया जाएगा.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
वहीं स्कीम इंडिया के चेयरमैन अजय चौधरी ने इस योजना के बारे में बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा एमओयू जेकेयूटी में उभरते किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक मंच और सहायक समर्थन के रूप में काम करेगा.
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