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Snake Bite: इस मौसम में हमलावर हो जाते हैं सांप, जानिए कैसे करें बचाव और काटने पर क्या करें

भारत में 310 से अधिक सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 66 प्रजातियां विषैली हैं और 42 हल्के विषैले हैं.
सांप के काटने की प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. सांप ना तो अधिक गर्मी बर्दाश्त कर पाने में सक्षम होता है और ना अधिक ठंडक. गर्म मौसम सांपों के लिए बेहद चुनौतियों भरा होता है. इन दिनों खेत खलिहान में फसल कटती है तो सांप के निकलने की संभावना भी ज्यादा होती है. हालांकि ज्यादातर सांप ठंडक तलाश करते हुए घरों के अंदर भी आ जाते हैं. जमीन खाली होने पर सांपों को छिपने के लिए कोई जगह नहीं मिलती है. सांप या इस तरह के अन्य जानवर के शरीर का टेंपरेचर समान नहीं रहता है. इसलिए वे बेचैन हो जाते हैं और हमलावर हो जाते हैं. देश में 310 से अधिक सांपों की प्रजातियां पाई जाती हैं. करीब 66 प्रजातियां विषैली हैं और 42 हल्के विषैले हैं. भारत में 90 फीसदी सांप काटने के मामले केवल चार प्रजातियों द्वारा होते हैं.

70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कृषि, शिकार, मछली पकड़ने पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर है. देश में पशुओं में सांप के काटने से मृत्युदर 47 प्रतिशत तक बताई गई है. कुछ ऐसी सावधानियां हैं, जिसको अपनाकर उनसे बचा जा सकता है. ठंड के लिए सांप पुराने भूसे के घर में भी छिप जाते हैं. एक तो गर्मी से बेचैन दूसरा खाने की तलाश और तीसरा अगर कोई इनको परेशान करें तो उनके सर पर खून सवार होता है. इसलिए इस मौसम में सांपों से बचने की आवश्यकता होती है. दिन में बहुत गर्मी होने से सांप नहीं निकलते हैं. लेकिन रात में भोजन की तलाश में निकलते हैं. इस दौरान वह बेचैन रहते हैं. अगर इनको डिस्टर्ब किया जाए तो यह हमला कर सकते हैं.

सांप के काटने पर करें ये काम: अगर किसी व्यक्ति को सांप काट ले तो घबराने से बचें. सांप की तलाश करने की बजाए पीड़ित को बिना समय गंवाए पास के हॉस्पिटल लेकर जाएं. जितनी देरी होगी, रोगी का तंत्रिका तंत्र उतना ही प्रभावित हो सकता है. उसका सांस लेना मुश्किल हो सकता है. खून का थक्का जमना या फंगल इंफेक्शन फैलना शुरू हो जाता है. इसलिए उसे नजदीकी हॉस्पिटल ले जाएं. ताकि उसे वहां एंटी-स्नेक वेनम नामक टीका दिया जा सके.

जहर इंजेक्ट नहीं होता है: करीब 30 से 60 मिनट के अंदर सांप काटने वाली प्रभावित जगह पर लालिमा और सूजन हो जाती है. सबसे पहले तो ये बात जान लें कि हर बार सांप के काटने पर जहर इंजेक्ट नहीं होता है. लेकिन अगर पीड़ित व्यक्ति के घाव से रिसाव हो रहा है तो हो सकता है कि जहर इंजेक्ट हुआ हो. अधिकांश पिट वाइपर के काटने पर तेज दर्द होता है.

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