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UP Budget: तो अब रोड पर नजर नहीं आएंगे बेसहारा पशु, सरकार ने बजट में की इतने हजार करोड़ की व्यवस्था

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बरसाना की गौशाला में पल रहीं गायें.

नई दिल्ली. देशभर में बेसहारा घूम रहे गोवंश की समस्या बड़ी होती जा है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश और इसे सटे हुए राज्यों में यह दिक्कत ज्यादा है. शहरों में और हाईवे पर आपको आसानी से बेसहारा पशु टहलते हुए मिल जाएंगे. इसमें गोवंश की संख्या ज्यादा है. जिसके चलते बेहद ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, न सिर्फ एक्सीडेंट होता है. बल्कि कई और सारी दिक्कतें भी होती हैं. इनसे रोड एक्सीडेंट में भी बेसहारा पशुओं की भी जान जाती है. इसके साथ ही आम इंसानों की भी मौत हो रही है.

सरकारें बेसहारा पशुओं को आसरा देने के लिए तमाम काम कर रही हैं. पशुओं को गौशालाओं में रखा जा रहा है. बावजूद इसके इसकी संख्या पर नियंत्रण न होने के चलते बेसहारा पशु इधर-उधर टहलते घूमते नजर आ जाते हैं. इनसे सबसे बड़ी समस्या जहां रोड एक्सीडेंट की है तो वहीं किसानों की फसल को भी बड़ा खतरा होता है. अक्सर किसानों की फसल ये पशु नष्ट कर देते हैं. वही शहरों में ट्रैफिक की समस्या भी इनके चलते हो रही है. जबकि इन पशुओं को सही से खाना पीना न मिलने की वजह से इधर भटकना पड़ रहा है.

2 हजार करोड़ रुपए दिए
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया है कि राज्य में लगभग 12 लाख 50 हजाार गो-वंश कुल 7713 गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किया गया है. मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना तथा पोषण मिशन के 1 लाख 5 हजार पशुपालकों को 1 लाख 63 हजार गोवंश सुपुर्द किए गए हैं. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में जारी किए गए उत्तर प्रदेश के भारी भरकम बजट में छुट्टा गोवंश के रखरखाव के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. जिसके तहत पालतू, संरक्षित एवं छुट्टा गो-वंश की पहचान के लिए टैगिंग कराये जाने की योजना पर कार्य किया जाएगा.

पशुओं के लिए हैल्थ के लिए 123 करोड़ रुपए जारी
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के जारी किए गए बजट में सरकार की ओर से वहीं वृहद गो संरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लिये 140 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है. वहीं पशु चिकित्सालयों और पशु सेवा केन्द्रों के सुदृढीकरण के लिए भी सरकार की ओर 123 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित किया गया है. इससे पशुओं की हैल्थ में सुधार होगा. वहीं बात की जाए बेसहारा गोवंश की तो जानकार का कहना है कि इनपर नियंत्रण से किसानों की फसल खराब नहीं होगी. किसानों को दिन रात खेतों में रखवाली नहीं करनी पड़ेगी. इनके कारण आलू, गेहूं और सब्जियों को किसान नहीं उगा पा रहे हैं.

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