Home डेयरी Camel Milk: ऊंटनी का दूध दुहने में इन 11 बातों का जरूर रखें ख्याल
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Camel Milk: ऊंटनी का दूध दुहने में इन 11 बातों का जरूर रखें ख्याल

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. ऊंटनी के दूध उत्पादन के लिए उनका चयन करना बेहद अहम है. उससे भी अहम ये है कि ऐसे पशुओं का चयन करें जिसका स्वभाव विनम्र हो. हमेशा ही अच्छे स्वभाव के आधार पर चुनिंदा जानवरों को अगली पीढ़ी के लिए चयन किया जाना चाहिए. क्योंकि संयम के दौरान आक्रामक जानवरों की तुलना में शांत जानवरों के तनावग्रस्त होने की संभावना कम होती है और चोट लगने की संभावना कम होती है. इसलिए उन्हें प्यार और देखभाल के साथ संभालना चाहिए. ताकि दूध प्रोडक्शन भी ज्यादा से ज्यादा हो सके.

नेशनल कैमेल रिसर्च सेंटर के एक्सपर्ट का कहना है कि विनम्र प्रकृति वाले जानवरों में कम समय में दूध देना और दूध निकालते समय अधिक प्रवाह दर देखी गयी है. जिस कारण दूध का अधिक उत्पादन देखा गया है. दूध दुहने के दौरान कई बातों का ख्याल करना चाहिए ताकि दूध उत्पादन सही तरह से हो सके.

स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए क्या करें

  1. पशु से रोज दूध उत्पादन क्षमता को देखते हुए उसे कम से कम दो बार व अधिकतम तीन बार दुहना चाहिए.
  2. दूध दुहने की प्रक्रिया को प्रतिदिन उसी समय पर करना चाहिए व दुहने के गैप को बराबर रखना चाहिए.
  3. दूध एक ही ग्वाले से निकलवाना चाहिए ताकि पशु उसके दूध निकालने के तरीके से अभ्यस्त हो सके.
  4. दूध निकालने से पहले थनों व आसपास के हिस्से को गुनगुने पानी से साफ़ कर स्वच्छ कपड़े से पोंछना चाहिए. ताकि चिपकी हुई गंदगी साफ हो जाए व दुहते समय गंदगी दूध के बर्तन/बाल्टी में न गिरे.
  5. दूध दुहने वाले व्यक्ति को भी साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए व अपने हाथों को गुनगुने पानी से साफ करना चाहिए ताकि उससे पशु में कोई संक्रमण न फैले.
  6. दूध दुहते समय दुहने वाले ग्वाले को तम्बाकू व उससे बने उत्पाद का सेवन नहीं करना चाहिए.
  7. पशु के आस-पास शोरगुल से पशु बिदक सकता है. इसलिए शांत वातावरण में ही इस क्रिया को पूरा करें.
  8. स्वच्छ वातावरण के लिए दुहने वाले स्थान पर पशु मल मूत्र हटा कर साफ-सुथरा कर स्थान को सूखा लें.
  9. दूध दुहने का कार्य तीव्रता से व पूरे हाथ से करना चाहिए और आखिरी में धरि से दूध निकालें ताकि थन में अवशिष्ट दूध से संक्रमण न हो.
  10. साफ सफाई का ध्यान देने के लिए समय-समय पर पशु को नहलाना चाहिए ताकि शरीरिक रोगों की पहचान कर इलाज किया जा सके.
  11. दूध दुहने से पहले, पशु की पीछे वाली दोनों टांगों को बांधना चाहिए. आगे की बाईं टांग को बांधने से पशु काबू में आ जाता है व दूध निकालते समय कम हिलता-डुलता है.

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