नई दिल्ली. देश में पहली बार क्लोन तकनीक से तैयार की गई गाय जल्द ही दूध देने लगेगी. क्लोन तकनीक से तैयार की गई गाय की उम्र इस वक्त डेढ़ साल हो चुकी है. अब यह देखना बाकी है कि जब ये दूध देना शुरू करेगी तो कितनी मात्रा में दूध देगी. इस तकनीक से तैयार की गई गाय का नाम गंगा है और इससे राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने भी मुलाकात की थी. इस गाय को लेकर कौन बनेगा करोड़पति KBC में भी सवाल आ चुका है. हो सकता है कि आप सोच रहे हों कि क्लोन तकनीक क्या है और किस तरह से इस गाय को बनाया गया है, तो आइए इस आर्टिकल में जाने हैं कि क्लोन तकनीक क्या है.
गंगा को तैयार करने के लिए NDRI के एक्सपर्ट ने साहिवाल नस्ल की गाय के ओवम को लिया था. वहीं जिस नस्ल की गाय से इसे पैदा करना था, उसे नस्ल यानी गिर नस्ल की गाय की दैहिक कोशिकाएं Somatic cells ली गई. साहिवाल गाय के ओवम को गिर गाय की दैहिक कोशिकाओं के साथ मिश्रण किया गया. लैब में सात दिनों तक ग्रो किया गया और इसके बाद इससे भ्रूण तैयार हो गया उस भ्रूण को दूसरी गाय में डाल दिया गया. 9 महीने के बाद गिर गाय पैदा हुई और इसका नाम गंगा रखा गया.
डेढ़ साल हो गई है उम्र
अब गंगा की उम्र तकरीबन डेढ़ साल हो चुकी है और वह अगले कुछ दिनों में दूध देने लगेगी. उसके रखरखाव का खास तौर पर ख्याल रखा जाता है. खान-पान पर भी ध्यान दिया जाता है. एक टीम उसकी देखरेख करती है. गंगा अपनी तरह से तैयार की गई देश की पहली गाय है. जिस वजह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उससे मुलाकात की थी और उन्होंने इस दौरान उसे खूब दुलारा था. वहीं कौन बनेगा करोड़पति में भी गंगा से जुड़ा सवाल आ चुका है. NDRI के अधिकारियों का कहना है कि विभाग अन्य प्रयोग भी कर रहा है, ताकि दूध की प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जा सके.
दूध की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना था मकसद
आपको बताते चलें की गंगा का जन्म 16 मार्च 2023 को करनाल के NDRI में हुआ था. भारत की गंगा पहली ऐसी गाय है जो क्लोन के जरिए पैदा हुई थी. गंगा को क्लोन के जरिए पैदा करने का मकसद दूध की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना है. वहीं गिर नस्ल में यह प्रयोग इसलिए किया गया था, ताकि ज्यादा दूध उत्पादन किया जा सके. क्योंकि गिर भारत की एक प्रतिष्ठित गया की की नस्लों में से एक है जो ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाती है.
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