Home पशुपालन Cow Husbandry: गायों में इस संक्रमण की वजह से हो जाता है गर्भपात, यहां पढ़ें कैसे किया जाए बचाव
पशुपालन

Cow Husbandry: गायों में इस संक्रमण की वजह से हो जाता है गर्भपात, यहां पढ़ें कैसे किया जाए बचाव

पशु एक्सपर्ट कहते हैं कि खीस पिलाने के बाद दूसरा नंबर आता है बछिया को उचित पोषण देने का. इसके लिए आहार के साथ ही साफ पानी भी उचित मात्रा में देना चाहिए.
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. गायों में ब्रूसिलोसिस संक्रमण बेहद ही गंभीर मामला है. इस की वजह से गायों का गर्भपात हो जाता है. वो भी आखिरी के तीन महीनों में. इस वजह से पशुपालक बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं. क्योंकि जब गाय गाभिन होने के बाद बच्चा देती है तो फिर दूध उत्पादन शुरू होता है. ऐसे में अगर गाय का गर्भपात हो जाता है तो फिर गाय पालकों के सामने मुश्किल खड़ी हो जाती है. सबसे ज्यादा खतरनाक बात ये है कि अब तक इस रोग का कोई इलाज भी नहीं हैं. वहीं जब एक बार संक्रमण के कारण गायों में गर्भपात के लक्षण नज़र आने लग गए तो गर्भपात को रोकना संभव नहीं होता.

हालांकि गायों को पालने वाले पशु पालक कुछ सावधानी बरतें तो इससे गाय को बचा सकते हैं. आइए उन्हीं सावधानी के बारे में यहां जानते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि ब्रूसिलोलिस एक यौन संचारित संक्रामक बीमारी है जो की ब्रूसेला (Brucella) जाति के जीवाणु के कारण होती है. इस रोग के कारण गायों में गर्भावस्था की अंतिम तीन महीनों में गर्भपात का कारण बनता है. यही नहीं संक्रमित पशुओं का दूध को कच्चा पीने या इनके स्रावों (secretions) के सम्पर्क में आने जाने के कारण मनुष्यों में भी इसका संक्रमण फैल सकता है.

ये है वजह, पढ़ें यहां
एक्सपर्ट के मुताबिक ब्रूसिलोलिस संक्रमित सांड का वीर्य (AI द्वारा) गर्भधारण के दौरान गायों में प्रवेश करता है. ब्रूसिलोलिस संक्रमित पशु में गर्भपात के समय निकले हुए स्राव व गंदगी यदि दूसरे पशु के संपर्क में आ जाए या पशु चारे के साथ इन जीवाणुओं को अपने आहारनाल में ले लें. आंख और नाक की श्लेष्मा (mucosa) द्वारा भी पशु इससे ग्रसित हो सकता है. यह जननांग स्पर्श के माध्यम से भी फैल सकता है. गर्भकाल के अंतिम तिमाही दिनों साधारणतया 6 से 9 महीने के बीच में गर्भपात होना जाना. पशुओं में गर्भपात से पहले योनि से अपारदर्शी पदार्थ निकलता है तथा गर्भपात के बाद पशु की जेर रुक जाती है.

कैसे इसे रोका जा सकता है
एक्सपर्ट के मुताबिक अब तक इस रोग का कोई प्रभावकारी इलाज नहीं हैं. यदि गर्भपात के लक्षण नज़र आने लग गए तो गर्भपात को रोकना संभव नहीं हो पाता है. जब गर्भपात हो जाए तो फिर जेर को मिट्टी में दबा दें और फ़िनाइल से बाड़े की सफाई करना चाहिए. पशु को जेर या निकलते हुए स्राव को खाने न दें. सबसे जरूरी ये है कि गर्भपात के लक्षण दिखते ही पशुचिकित्सालय में संपर्क करना चाहिए. बच्छियों में 3-6 माह की आयु में ब्रुसेल्ला-अबोर्टस स्ट्रेन-19 के टीके लगवाने चाहिए. पशुओं में प्रजनन की कृत्रिम गर्भाधान पद्धति अपनाकर भी इस रोग से बचा जा सकता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Animal Husbandry: Milk animals can become sick in extreme cold, adopt these methods to protect them from diseases.
पशुपालन

Animal News: पशुओं को कितने दिनों तक अलग रखना चाहिए, यहां पढ़ें क्वारेंटाइन के नियम क्या हैं

प्राथमिक क्वारेंटाइन इकाई में अलगाव शेड में रखा जाना चाहिए. मादा पर...

exotic cow breeds in india
पशुपालन

Animal Husbandry News: डेयरी पशुओं में बांझपन के क्या हैं लक्षण, इसके बारे में जानें यहां

पशुओं में बांझपन आ जाता है. क्योंकि जो पोषक तत्व हम अपने...

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: अलग-अलग फार्म से खरीदें पशु या फिर एक जगह से, जानें यहां

फार्मों में अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए संक्रमण के प्रवेश...