Home डेयरी Dairy Farm: डेयरी फार्म की सफाई का ये है सही तरीका, सूरज की रोशनी का भी कर सकते हैं इस्तेमाल
डेयरी

Dairy Farm: डेयरी फार्म की सफाई का ये है सही तरीका, सूरज की रोशनी का भी कर सकते हैं इस्तेमाल

langda bukhar kya hota hai
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. साफ सुथरे डेयरी फार्म में पशुओं को ज्यादा आराम मिलता है और इससे पशुओं की हैल्थ पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. साफ-सफाई बनाए रखने से पशुओं में बैक्टीरिया, वायरस और कीड़ों तथा संबंधित बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है. इसलिए यह जरूरी है कि पशुओं को सर्वाधिक स्वच्छ परिस्थितियों में रखा जाना चाहिए. स्वच्छता का उद्देश्य पशुशालाओं से गंदगी के साथ-साथ फार्म के अंदर मौजूद कीटाणुओं और कीड़ों को दूर करना है ताकि कीटाणुओं की संख्या कम हो जाए या फिर वो कमजोर हो जाएं. इसलिए डेयरी फार्म की साफ-सफाई रखना बहुत ही जरूरी होता है.

सफाई के दौरान गोबर, पेशाब, छलका हुआ दूध, गर्भाशय और नाक से निकलने वाले पानी, आहार के वेस्ट आदि से सफाई पर असर पड़ता है. उचित सफाई से गंदगी के साथ कीटाणुओं और कीड़ों को भी हटाया जा सकता है. ज्यादा मात्रा में तेज धार पानी से फार्म की सफाई आसानी से और प्रभावी तरीके से की जा सकती है. इसके अलावा, व्यावसायिक तौर पर भी कई प्रकार के सफाई वाले घोल बाजार में मिलते हैं.

इस तरह की होनी चाहिए फार्म की सतह
डेयरी फार्म में डिसइंफेक्शन यानि इफेक्शन को खत्म करना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि बीमारियां धूल, दरारों और इमारतों की सुराखों में में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से भी हो सकती हैं. इसलिए दूषित क्षेत्र से बैक्टीरिया, वायरस, मोल्ड और कीटों के अंडे जैसे पशुओं के सामान्य दुश्मनों को खत्म करने के लिए डिसइंफेक्शन को बहुत ही ए​हतियात से करना चाहिए. चिकनी सतहों की तुलना में खुरदरी सतहों की सफाई करना आसान होता है. जबकि छेद वाली सतहों को साफ करना चिकनी सतहों की तुलना में ज्यादा मुश्किल होता है. छेद वाली सतहों में मिट्टी इकट्ठा हो जाती है. जिससे डिसइंफेक्शन में अधिक मुश्किल होती है. फार्म को डिसइंफेक्शन करने के लिए सही तरह से कीटाणुनाशक दवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

इसलिए जरूरी है कि फार्म में सूरज की रोशनी आना
डिसइंफेक्शन धूप से सूरज से मिलने वाली सीधी किरणें रोगाणु को खत्म करने के लिए सबसे प्रभावी होती हैं. साथ ही ये सुरक्षित और प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होती. फार्म को ऐसा बनाना चाहिए कि जिससे सूरज की रोशनी सीधे फार्म के अंदर आए. सामान्य परिस्थितियों में, गौशाला भवन की लंबाई उत्तर-दक्षिण दिशा में होनी चाहिए. खुला बरामदा और पीछे खुला हिस्सा होने से सुबह और शाम गौशाला में सूरज की सीधी रोशनी मिल सकती है. डेयरी फार्म में उपयोग में लाए जाने वाले बर्तनों को भी सफाई के बाद सुखाने और डिसइंफेक्शन के लिए सूरज की रोशनी में रखा जाना चाहिए. वहीं रासायनिक डिसइंफेक्शन के लिए बोरिक एसिड, अमोनियम यौगिक, ब्लीच (सोडियम हाइपोक्लोराइट), पोटेशियम पेरॉक्सी-मोनोसल्फेट, अल्कोहल आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. रासायनिक डिसइंफेक्शन से जैविक पदार्थ की मौजूदगी में बहुत कम हो जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

डेयरी

Dairy: देश में डेयरी सेक्टर से जुड़ी हैं 60 लाख महिलाएं, NDDB ऐसे मजबूत कर रहा है उनकी भूमिका

NDDB की उनकी भूमिका को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए,...