नई दिल्ली. पशुपालन एक बेहतरीन व्यवसाय है. अब बहुत से किसान पशुपालन में हाथ आजमा रहे हैं और अपनी इनकम दोगुनी कर रहे हैं. अगर आप भी किसान हैं तो पशुपालन करके अपनी इनकम दोगुनी कर सकते हैं. बतात चलें कि सरकार भी किसानों की आय को बढ़ाना चाहती है. इसलिए सरकार लगातार किसानों को पशुपालन करने के प्रति जागरुक भी कर रही है और जरूरत पड़ने पर लोन की व्यवस्था भी करा रही है. वहीं समय—समय पर किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाती है ताकि किसान पशुपालन करके खुद को मजबूत कर सकें.
पशुपालन में ज्यादातर लोग गाय और भैंस को पालते हैं. वहीं बहुत से किसान भेड़-बकरी भी पालते हैं. हालांकि किसान चाहें तो खरगोश भी पाल सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन में ज्यादा मुनाफा कमाने और नुकसान से बचने के लिए जरूरी ये है कि पशुपालन की ट्रेनिंग हो. अगर ट्रेनिंग लेकर पशुपालन किया जाए तो मुनाफा कई गुना ज्यादा बढ़ सकता है. इसलिए पशुपालन करने से पहले ट्रेनिंग जरूर ले लें. ताकि फायदा ही फायदा हो, नुकसान का कोई सवाल न उठे.
4 से 11 सितंबर तक चलेगा प्रोग्राम
बताते चलें कि केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा सितम्बर माह मे स्व वित्तपोषित वैज्ञानिक भेड़, बकरी व खरगोश पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. जहां किसानों को ये बताया जाएगा कि कैसे साइंटिफिक तरीकों को अपनाकर पशुपालन में ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सके. जानकारी के मुताबिक केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर द्वारा लगाया जा रहा ये 13वां प्रशिक्षण प्रोग्राम है. जिसमें वैज्ञानिक भेड़, बकरी एवं खरगोश पालन पर स्ववित्तपोषित राष्ट्रीय कौशल विकास ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन 4 से 11 सितम्बर, 2024 को किया जायेगा. जहां किसानों को उनके सवालों के जवाब भी मिलेंगे और बेहतरीन जानकारी भी.
8 हजार रुपये है ट्रेनिंग की फीस
जानकारी के मुताबिक आवेदन केवल 27 अगस्त तक ही किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए पैसा खर्च करना होगा. इसके लिए चयनित किसानों द्वारा संस्थान के एसबीआई खाता मे 8000 रुपये जमा कराना होगा. इसके बाद प्रशिक्षण में वो भाग ले सकते हैं. वहीं इच्छुक किसान भाई अविकानगर संस्थान की वेबसाइट या डॉ. सुरेश चंद शर्मा प्रधान वैज्ञानिक व प्रभारी एचआरडी को संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि प्रशिक्षण के दौरान भेड़, बकरी व खरगोश पालन पर आवश्यक जानकारी अविकानगर के वैज्ञानिको द्वारा दी जायेगी. यदि किसानो की संख्या ज्यादा होने पर आगे दूसरा बैच भी चलाया जायेगा.
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