नई दिल्ली. पोल्ट्री में मुर्गियों से ज्यादा मुनाफा आज टर्की पालन दे रहा है. टर्की पालन अच्छी तरह की मुर्गी से कई गुना ज्यादा मुनाफा देता है. भारत में जो टर्की पाई जाती है, उनमें सफेद पंख वाली टर्की बहुत उपयोगी मानी जाती है. क्योंकि यह गर्मी के मौसम को अच्छे से सहन कर सकती है. टर्की का अंडा 65 ग्राम तक का होता है और एक टर्की 80 से 100 अंडे दे सकती है. टर्की 24 सप्ताह तक अंडा देती है. एक टर्की 14 से 15 सप्ताह में बेचने योग्य हो जाती है. इनमें नर और मादा का अलग-अलग टाइम होता है. करीब 18 सप्ताह में नर और मादा टर्की को बेच सकते हैं. बेचने के समय इनका जो वजन है, वह साढ़े सात किलोग्राम हो सकता है.
टर्की पालन में उसके आवास का कैसे इंतजाम करना चाहिए, कैसे उनको पकड़ना चाहिए. इसकी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल के जरिए दे रहे हैं. टर्कियों को धूप, पानी, हवा और दूसरे बड़े पक्षियों से बचाना बहुत जरूरी है. इसके लिए एक अच्छे आवास की उन्हें जरूरत होती है. देश के गर्म भागों में घर की लंबाई पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए. दो घरों के बीच की दूरी कम से कम 20 मीटर होनी चाहिए और बच्चों का घर वयस्कों के घर से कम से कम 50 से 100 मीटर की दूरी पर होना चाहिए. खुले घर की चौड़ाई 9 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए.
घर की ऊंचाई पर 2.6 से 3.3 मीटर तक हो सकती है. बारिश के पानी के छींटों को रोकने के लिए एक मीटर का छज्जा भी आप लगा सकते हैं. घर का फर्श सस्ता, टिकाऊ और सुरक्षित होना चाहिए. विशेष रूप से नमी प्रूफ सहित कंक्रीट का हो. जब टर्कियों को गहरे कूड़े प्रणाली यानि डीप लीटर सिस्टम की तरह कहा जाता है, सामान्य परिस्थितियों में इन्हें मुर्गियों जैसे ही पालते हैं. लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि ना खाने, पीने का पर्याप्त स्थान मिल रहा है या नहीं. जिससे टकी अच्छी तरह और आसानी से बड़े हो सकें और वहां रह सकते हैं.
पकड़ने का तरीका: टर्कियों को एक छड़ी की सहायता से एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते हैं. इनको पकड़ने के लिए अंधेरा कमरा बहुत उचित होता है, जहां उन्हें बिना चोट पहुंचाएं दोनों टांगों से पकड़कर उठाया जा सकता है. एक टर्की को तीन से चार मिनट से ज्यादा देर तक लटकाया जाना नहीं चाहिए. टर्कियों का नेचर आमतौर पर घबराहट वाला होता है, इसलिए यह हर समय डर जाती हैं. टर्की के घर में आने वालों का प्रवेश सीमित किया जाना चाहिए.
पंखों को उखाड़ें: पंखों को उखाड़ने और अपने साथ के बच्चों को खाने से रोकने के लिए छोटे बच्चों की पंखों को हटा देना चाहिए. पंख हटाने का काम एक दिन में या तीन से चार सप्ताह तक किया जा सकता है. एक दूसरे को चोंच की लड़ाई में घायल होने से बचाने के लिए इनकी चोंच को हटाना जरूरी है. जब बच्चा एक दिन का हो जाता है तो इसे उंगली से दबाया दबाव से हटा सकते हैं. तीन सप्ताह का होने पर भी हटा सकते हैं. इनके नाखूनों की कटाई बहुत जरूरी होती है. पूरे पंजे के नाखूनों की लंबाई सहित बाहर निकलने वाले पंजे के अंदर की दूरी तक शरीर से हटा दिया जाता है.
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